प्रयागराज के संगम तट पर बसा तंबुओं का अस्थाई शहर, मिलती हैं मूलभूत की सभी सुविधाएं

punjabkesari.in Friday, Jan 04, 2019 - 01:14 PM (IST)

प्रयागराजः विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले कुंभ के आगाज के लिए कुछ ही दिन बचे हैं। गंगा यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन स्थल संगम तट पर एक नया शहर बस चुका है। इस नई बसी छोटी सी नगरी को कुंभ नगरी की संज्ञा दी गई है। करीब 50 दिनों तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन के लिए एक नया शहर बसाया गया है। इस अस्थाई शहर में वह सभी सुविधाएं होती है, जो एक शहर में होती है। शहर तम्बुओं का बना होता है। इस नए शहर में पूरे 50 दिनों तक ना सिर्फ साधु संत बल्कि आम श्रद्धालु धार्मिक धुनि रमते नजर आते हैं।

धार्मिक महत्त्व के अलावा यह मेला विश्व के प्रमुख सबसे बड़े मेले में से एक होते हैं। यहां पर देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। लगता है मानों एक नया शहर ही बस गया हो, तंबुओं के इस शहर में केवल तंबू ही दिखाई देंगे, जहा लोग रहते हैं। कुछ ही दिनों के बाद यहां पर विश्व का सबसे बडा़ जमावड़ा होगा। त्रिवेणी के संगम में स्नान करने की बहुत बड़ी महत्ता है।, लेकिन इस स्थान की तीसरी नदी सरस्वती अब से हजारों वर्ष पहले लुप्त हो चुकी है।

आर्यकाल में यह स्थान प्रयाग कहा जाता था और आज भी इसको प्रयाग कहते हैं। तम्बुओं के इस आस्थाई शहर में आम शहर की तरह पुलिस स्टेशन होते है। चिकित्सालय होते हैं। बैंक होते हैं, फायर स्टेशन, विधुत विभाग, रेलवे स्टेशन, डाक की सेंवाए भी होती हैं। खाने पीने की सुविधा होती है। कपड़ों की दूकान आदि सभी जीवन से जुडी सभी सुविधाएं होती है।

इस आस्थाई शहर की खास बात ये है कि एक स्थाई शहर में अस्थाई शहर बसता है। स्थानीय लोग इस संयोग को शुभ मानते हैं और गौरवान्वित भी महसूस करते हैं। करीब 3200 हैक्टर क्षेत्र में फैले इस अस्थाई शहर को 20 सैक्टर में विभाजित किया गया है। इस बार के कुंभ मेले में क़रीब 14 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद है। इतने लोगों को सही ढंग से नियंत्रित करने के लिए मेला प्रशासन ने 40 पुलिस थाने का निर्माण किया है।

Tamanna Bhardwaj