सरयू नदी का एकाएक बढ़ा जलस्तर, बाढ़ से डूबे गांव... पलायन कर रहे लोग
punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 03:43 PM (IST)
बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी जिले में एकाएक सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने से तहसील रामसनेहीघाट, फतेहपुर, रामनगर और सबसे ज्यादा तहसील सिरौली पुर के गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। नेपाल द्वारा लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया हैं जिसके चलते सैकड़ों गांव में तबाही का मंजर फिर से शुरू हो गया है। केंद्रीय जल आयोग कंट्रोल रूम से जानकारी के मुताबिक ये जलस्तर और बढ़ सकता हैं, बाढ़ पीड़ितों की हालत बद से बत्तर होती चली जा रही है।
पानी का जलस्तर इतना ज्यादा बढ़ चुका है कि लोगों के घरों के अंदर पानी घुस गया है। लोग छतों पर डेरा जमाए हुए हैं। चारों तरफ केवल बाढ़ के पानी की कलकलाहट की भयानक आवाज आ रही है। यहां के लोंगो से हमने बातचीत की जो लोग घाघरा नदी में फंसे अपने टैक्टर को नाव पर लादकर सुरक्षित ऊंचे स्थान पर निकाल रहे थे जलस्तर बढ़ने से सिरौली गौसपुर के 2 दर्जन से अधिक गांव बाढ़ के पानी की चपेट में आ गए है। स्कूल, सरकारी हॉस्पिटल, हजारों बीघा धान गन्ना, मक्का पिपरमेंट की फसल जलमग्न हो गयी हैं। जिनमें पानी लगातार भर रहा हैं। लोग घर में डूबे गृहस्थी का सामान नाव पर लादकर ऊंचे स्थान की ओर निकल रहे हैं।
सरयू नदी में एकाएक आई बाढ़ से बाराबंकी के तराई इलाको के हालात बेक़ाबू हो गए है, जिसका जायजा लेने के लिए हमारी टीम ने तहसील सिरौली गौसपुर के गोबरहा गांव पहुची जहा चारों तरफ केवल पानी ही पानी नजर आ रहा था, लेकिन हमें गांव के अंदर जाना था जिसके लिए नाव का सहारा लेना पड़ा नाव के जरिए हमारी टीम गांव का हाल जानने के लिए निकल पड़ी।
यहां तक लोंगो के बाद में ट्रैक्टर भी फसे हैं, जिन्हें नाव पर लादकर नदी के बीच जान जोखिम में डालकर निकाल रहे हैं। तस्वीरे डराने वाली हैं। तहसील सिरौली गौसपुर के करौनी मल्लाहन पुरवा, सनावा, कहारनपुरवा, टेपरा, सराय सुरजन, भवरो कोल, इटहुवा पूर्व के साथ तेलवारी गांव भी पानी में लगातार भरता जा रहा हैं। यहां फसल पानी मे डूब गई हैं। उनपर नावे चल रही है लोग ऊंचे स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं। गावों से संपर्क टूट गया हैं, पक्की सड़क कट गई है। कही कही जबरदस्त पानी भरा होने के चलते लोग जान जोखिम में डालकर आ जा रहे हैं। तो वही बाढ़ पीड़ितों के खाने पीने के लिए प्रसाशन के द्वारा बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा रही थी, लेकिन अब सवाल ये है कि आखिर क्या बाढ़ से बर्बाद हुई गरीब किसानों की जिंदगी इस मुट्ठी भर राहत सामग्री से सुधरेगी ?