आफत बना बिसुही नदी का पानी, कई घरों में घुसा तो बर्बाद हुई सैकड़ों बीघे की फसल, पलायन को मजबूर हुए लोग

punjabkesari.in Sunday, Jul 25, 2021 - 01:10 PM (IST)

गोंडाः प्रकृति को मार को लेकर क्या कहा जा सकता है। चाहे भूस्खलन हो या सूखा या फिर बाढ़ सब झेलना ही पड़ता है। ऐसे में मॉनसून आगमन से जहां किसानों के चेहरे बारिश के नाम से खिल गए वहीं बाढ़ ने सब बर्बाद करने की ठान ली है। दरअसल उत्तर प्रदेश के गोंडा की हालत अभी बिसुही नदी में आए बाढ़ की वजह से खराब है। नदी का पानी लोगों की घरों में घुस गया है। वहीं कई बीघे की फसलें बर्बाद हो गई है। लिहाजा लोग घरों को छोड़कर पलायन को मजबूर हैं।

बता दें कि गोंडा में बाढ़ की ऐसी स्थिति करीब 38 साल बाद देखने को मिली है। जहां नदी के पानी ने इटियाथोक तेलयानी मार्ग के मजरा नसीमाबाद के कई घरों को अपने आगोश में ले लिया लिहाजा ईद उल अजहा त्योहार के दूसरे दिन से ही बिसुही नदी का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगा और लोग पलायन को मजबूर हो गए। बाढ़ की भयावहता से जूझ रहे लोगों को दैनिक जरूरत के लिए राशन सहित अन्य सामान का मिल पाना बहुत मुश्किल सा काम है। जिसके घरों में नदी का पानी घुसा है उनके घरों में कई दिनों से चूल्हे नहीं जले। बाढ़ की ऐसी स्थिति से प्रशासन भी मौन है।

बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों का कहना है बाढ़ की ऐसी स्थिति से जिला प्रशासन की तरफ से कोई भी मदद अभी तक बाढ़ पीड़ित परिवार को नहीं मिली है। बाढ़ के पानी से मजरा पारासराय आंशिक, इटियाथोक का मजरा मैसरपुरवा,  नसीमाबाद का कुछ हिस्सा, गंगा पड़री में बाढ़ की भयावह स्थिति है। बाढ़ का दंश झेल रहे स्थानीय लोग घर में रोजमर्रा जरूरत के लिए दो पहिया वाहन, साइकिल या पैदल इटियाथोक बाजार आकार दैनिक इस्तेमाल की जरूरत का सामान को खरीद कर वापस अपने घरों में जाते है।

 


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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