डॉ0 महेन्द्र सिंह का अधिकारियों को कड़े निर्देश, कहा- UP में बाढ़ परियोजनाओं का काम मानसून के पहले किया जाय पूर्ण

punjabkesari.in Friday, Jun 04, 2021 - 08:17 PM (IST)

सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने अधिकारियों को कड़े निर्देश देते हुये कहा बाढ़ से बचाव के लिए कराये जा रहे निर्माण कार्यों में लापरवाही नहीं होनी चाहिए और मानक के अनुरूप गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समयबद्धता पर विशेष ध्यान हुए बाढ़ परियोजनाओं को मानसून से पूर्व पूर्ण किया जाए।  

डॉ0 सिंह आज जिले में बूढ़ी राप्ती नदी के दांए तट पर मदरहवा-अशोगवा बांघ एवं लखनापार-बैदौला बांघ पर चल रहे बाढ़ सुरक्षात्मक के कार्यों का स्थलीय निरीक्षण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है, कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के द्दष्टिगत मुख्यमंत्री वारा एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए जनवरी में ही बाढ़ कार्यों के लिए पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके तहत 184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी में प्रारम्भ कर दिये गये थे।

उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 22 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। समस्त परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व अतिशीघ्र कराये जाने है। परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यदि दूरद्दष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यो के समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना पड़ता।       

डॉ0 सिंह ने वर्षा काल से पहले बाढ़ से सम्बन्धित सुरक्षा परियोजनाओं को प्रत्येक दशा में पूरा करने के निर्देश दिये। इसके साथ ही बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जलप्लावन की समस्या को दूर करने के लिए सभी नालों की सफाई भी वर्षाकल से पूर्व कराये जाने की हिदायत दी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू के बावजूद भी बाढ़ से बचाव सम्बंधी परियोजनाओं को हरहाल में तय समय सीमा से पूरा किया जाना है। उन्होंने साथ ही ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता अधोमानक पायी जाती है, तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए कार्य स्थल पर कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कड़ाई सुनिश्चित किया जाए तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध कराते हुए उनके प्रयोग के निर्देश दिए जाएं।       

जलशक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों का जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। विभाग के तहत कुल 10787 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 60205 किलोमीटर है।

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Umakant yadav