सत्ता का नशा: सपा नेता ने साथियों सहित युवक को बुरी तरह पीटा, घर भी फूंका

punjabkesari.in Wednesday, Nov 16, 2016 - 01:14 PM (IST)

कानपुर(अंबरीश त्रिपाठी): समाजवादी पार्टी के नेताओं पर सत्ता का नशा इस कदर छाया हुआ है कि वह कानून की परवाह किए बगैर किसी भी वारदात को अंजाम देने से नहीं चूक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कानपुर में देखने को मिला। जहां पुरानी रंजिस के चलते एक सपा नेता ने दूध का कारोबार करने वाले एक युवक की पिटाई कर दी। इतने से भी मन नहीं भरा तो आरोपी ने युवक के घर पहुंचकर पूरे परिवार की बेरहमी से पिटाई करने के बाद उसके घर में आग लगा दी। पुलिस ने घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है और मामले की जांच कर रही है। 

क्या है पूरा मामला?
नर्वल थाना क्षेत्र के चंदनपुर गांव का रहने वाला छोटू दूध का कारोबार करता है। गांव के सपा नेता राम सजीवन यादव की छोटू से पुरानी रंजिश है। मंगलवार को छोटू दूध बेचकर अपनी मोटर साइकिल से गांव लौट रहा था। रास्ते में राम सजीवन ने उसको रोक लिया और अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी। मारपीट की जानकारी जब ग्रामीणों को हुई तो वह मौके पर पहुंचकर छोटू को छुड़ा लाये। लेकिन दबंग सपा नेता राम सजीवन ने इतने पर ही बस नहीं किया उसने गांव पहुंचकर छोटू के घर पर हमला बोल दिया। सपा नेता ने छोटू के भाई व उसकी मां की जमकर पिटाई कर दी और उसके घर को आग के हवाले कर दिया। ग्रामीणों ने किसी तरह से आग को बुझाया लेकिन तबतक उसके घर का छप्पर व अन्य सामान जलकर राख हो गया। 

शादी की खुशियां गम में बदलीं
छोटू की बहन शालू का 21 तारीख को विवाह होना है लेकिन इस घटना से उनकी सारी खुशियां बर्बाद हो गई। छोटू की बहन शालू का कहना है कि सपा नेता राम सजीवन ने सबको मारा और घर में आग लगा दी। छोटू के मुताबिक हम दूध बांटकर गाँव वापस लौट रहे थे कि रास्ते में राम सजीवन के लड़के विपिन ने अपने आठ साथियों के साथ घेरकर मारा है। 

क्या कहती है पुलिस?
वहीं मारपीट व आगजनी की घटना को पुलिस आपसी विवाद बता रही है। सीओ सदर ब्रह्म सिंह यादव का कहना है कि मोटर साइकिल वा साइकिल की आपस में भिड़ंत हो गयी थी जिसमे मारपीट वा आगजनी की बात सामने आयी है। दोनों तरफ से तहरीर मिली है जाँच की जा रही है जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाऐगी। 

मुख्यमंत्री के आदेश को ठेंगा
एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं को लोगों की समस्याओं को हल करने की बात करते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके ही नेता उनके इस आदेश को ठेंगा दिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री के आदेश का बिना परवाह किए बगैर सपा नेता जनता को ही अपना निशाना बना रहे हैं और सरेआम गुंडई पर उतारू हैं। हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या मुख्यमंत्री और प्रशासन इस दबंग नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है या फिर मामले को जांच के नाम पर दबा देता है। 

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