कोरोना संकट के दौरान वाराणसी के युवाओं ने बनाया श्वसन योग एप ASMI, इम्युनिटि बूस्ट के साथ ये है खासियत

punjabkesari.in Monday, Jun 21, 2021 - 03:16 PM (IST)

वाराणसीः कोरोना संकट के दौर ने हमें वो दिन दिखाएं हैं जो दर्द, त्रासदी और मौत को एक साथ जोड़ता है। चहुंओर अस्पतालों में लगे लंबी लाइनें जो कि मौत से जिंदगी की भीख मांगती दिखी। मगर लाखों लोग काल की गाल में समा गए। कोरोना की क्रूरता यहीं पर नहीं रूकी कमजोर इम्युनिटि की वजह से ब्लैक, येलो और वाइट फंगस ने मानव शरीर पर एक और वार किया। ऐसे में इम्युनिटि बूस्ट करने के लिए तमाम दवाओं का व्यापार बाजार में खूब फल रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो युवाओं विवेक अरोड़ा और प्रशांत अरोड़ा ने कमाल का एप ASMI बनाया है।

बता दें कि इस बिल्कूल फ्री एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस एप की सबसे बड़ी खासियत है कि आप इसे एक बार इंस्टॉल करने के बाद बिल्कूल भी लापरवाही नहीं कर सकेंगे। दरअसल एप रोज सुबह आपको श्वसन योग क्रिया के लिए नोटिफिकेशन के रुप में जगाएगा। एप में 9 प्रकार के श्वसन योग के बारे में बताया गया है। जिसे आप एप की एक ट्रेनी के साथ भी कर सकते हैं। स्पष्ट ऑडियो और एनिमेटेड वूमेन के साथ ये क्रिया और भी आसान लगती है। इतना ही नहीं इस एप में ये भी बताया गया है कि किसे करना चाहिए और किसे नहीं। एप की खासियत की वजह से कम समय में ही इसे दो हजार से भी अधिक लोगों ने डाउनलोड कर लिया है। इतना ही नहीं एप को अच्छे रिव्युज भी मिले हैं।
PunjabKesari
एप को लेकर विवेक अरोड़ा ने बताया कि कोरोना जब चरम पर था तो हमने देखा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और तनाव कम करने में यौगिक श्वसन क्रिया बहुत मददगार है। मगर मुश्किल ये आई कि अधिकतर लोगों को सांस लेने की सही तकनीक के विषय में कोई जानकारी ही नहीं है। ऐसे में हमने यौगिक श्वांस और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए एक ऐप बनाने का फैसला किया। ASMI एक मुफ़्त और इटंरफ़ेस उपयोग करने का एक सरल तरीका है। जिससे समाज का हर एज ग्रुप इसे आसानी से यूज कर सके। इसके साथ ही उपयोगकर्ताओं की सुवि धा के लिए हमने डिप्रेशन, चिंता, अनिद्रा और हाई ब्लड प्रेशर के पूर्व-तैयार कोर्स भी जोड़े हैं। ऐप में 9 श्वास तकनीक उपलब्ध हैं। जिसकी टाइमिंग अपने हिसाब से 3 मिनट से 30 मिनट तक चुन सकते हैं।

वहीं प्रशांत अरोड़ा ने बताया कि एप की 80 प्रतिशत क्रियाएं योग गुरु बीकेएस अयंगर, सत्यानंद सरस्वती कि किताबों व अन्य योग गुरु बाबा रामदेव के मुंबई के योग संस्थान से ली गई है। जिसे आसानी से एप की सहायता से सभी एज ग्रुप अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Moulshree Tripathi

Recommended News

Related News

static