UP Election 2022: अयोध्या सीट पर SP और BJP के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना

punjabkesari.in Wednesday, Jan 26, 2022 - 05:22 PM (IST)

अयोध्या: राम मंदिर आंदोलन का केंद्र रहे अयोध्या सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) द्वारा पूर्व मंत्री पवन पांडे को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद अब सबकी निगाहें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर टिक गई हैं। इस सीट पर मुख्य मुकाबला इन्हीं दोनों दलों के बीच देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की तमाम अटकलों का पटाक्षेप होने के बाद भाजपा की तरफ से अभी तक कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। वहीं, सपा ने मंगलवार को इस सीट से पवन पांडे की उम्मीदवारी की आधिकारिक घोषणा कर दी।

लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति का ककहरा सीखने वाले पांडे ने 2012 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या से जीत हासिल की थी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह भी दी थी, लेकिन 2017 के चुनाव में वह यह सीट भाजपा के हाथों गंवा बैठे थे। सपा ने अयोध्या से अपना उम्मीदवार उतार दिया है लेकिन भाजपा समर्थक अब भी अटकलें लगा रहे हैं कि मौजूदा विधायक वेद प्रकाश गुप्ता को ही दोबारा टिकट दिया जाएगा या फिर उनकी जगह किसी और प्रत्याशी को लाया जाएगा। अयोध्या सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस तथा अन्य प्रमुख पार्टियों ने भी अपने-अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। मगर लोग यहां सपा और भाजपा के बीच ही मुख्य मुकाबला देख रहे हैं।

अयोध्या के नया घाट इलाके के रहने वाले सूरज कुमार ने कहा, ‘‘इस बार मौजूदा भाजपा विधायक के खिलाफ लोगों में नाराजगी है क्योंकि वह उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। अगर भाजपा अपना प्रत्याशी बदलती है तो यह उसके लिए भी फायदेमंद है।'' उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में काफी काम हुआ जिसकी वजह से लोगों की जमीनों को ले लिया गया और लोगों के घर और दुकानें भी तोड़ी गई। जहां विकास हुआ वहां कुछ इमारतें ध्वस्त भी की गईं।'' दूसरी ओर, अयोध्या व्यापार मंडल के अध्यक्ष नंद कुमार गुप्ता ने व्यापारियों के बीच व्याप्त असंतोष का जिक्र करते हुए कहा कि सआदतगंज से अयोध्या घाट के बीच की सड़क चौड़ी करने के लिए अनेक दुकानें तोड़ी गईं।

उन्होंने कहा, ‘‘ये दुकानें राजा (अयोध्या) या फिर मंदिरों की संपत्ति पर बनी थीं इस वजह से प्रभावित होने वाले दुकानदारों को कोई मुआवजा भी नहीं मिलेगा। यह उनकी रोजी रोटी का सवाल है।'' एक अन्य कारोबारी जनार्दन पांडेय के मुताबिक भाजपा के मौजूदा विधायक के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के साथ-साथ एक चीज और है कि वह व्यापारियों के नेता होने के बावजूद सरकार के सामने उनकी तकलीफ को प्रभावशाली ढंग से नहीं रख सकते। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के छात्र राकेश सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार ने अयोध्या को नव विकसित शहर के रूप में दुनिया के सामने लाने की कोशिश की है।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा शहर जहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन और अन्य विकास परियोजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अयोध्या में हर कोई इन परियोजनाओं की सराहना कर रहा है आखिर कौन अपने शहर का विकास नहीं चाहता।'' कुछ समय पहले तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या से चुनाव लड़ने की अटकलें जोरों पर थीं लेकिन भाजपा नेतृत्व ने उन्हें गोरखपुर सदर सीट से उम्मीदवार बनाकर सारी अटकलों का पटाक्षेप कर दिया। भाजपा के लल्लू सिंह वर्ष 1991, 1993, 1996, 2002 और 2007 में अयोध्या से विधायक रहे। हालांकि वर्ष 2012 में उन्हें सपा के पवन पांडे के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा था। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में 13 से 15 प्रतिशत के बीच ब्राह्मण और यादव मतदाता हैं जबकि 18 से 20 फीसदी मुसलमान हैं। अयोध्या में राज्य विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत आगामी 27 फरवरी को मतदान होगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Tamanna Bhardwaj

Recommended News

Related News

static