UP Election 2022: सातवें चरण की हॉट सीट पर सपा-बीजेपी में है कड़ा मुकाबला

punjabkesari.in Saturday, Mar 05, 2022 - 07:35 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में 7 मार्च को मतदान होना है। सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों पर हो रहे चुनाव में जीत हासिल करने के लिए नेताओं ने पूरी ताकत झोंक दी है। सातवें चरण में कई हॉट सीटें हैं जिस पर पूरे प्रदेश के लोगों की निगाहें टिकी हुई है। जिसमें से.आजमगढ़, मऊ, जहूराबाद, मोहम्मदाबाद, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और ज्ञानपुर की गिनती हॉट सीट में हो रही है।

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर
सबसे पहले बात करते हैं आजमगढ़ सदर सीट की...इस सीट पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। 1996 से दुर्गा प्रसाद यादव समाजवादी पार्टी आजमगढ़ सदर से विधायक हैं। इस सीट से लगभग दो दशक से दुर्गा प्रसाद यादव विधायक हैं। 2022 में फिर से सपा ने दुर्गा यादव को टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने अखिलेश मिश्रा उर्फ गुड्डू की किस्मत पर भरोसा जताया है तो बसपा ने सुशील सिंह को यहां चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट से सपा सपा के तिलिस्म को तोड़ने के लिए बसपा ने बाहुबली ठाकुर पर दांव लगाया है तो बीजेपी ने ब्राह्मण कार्ड खेला है।.हालांकि जातीय समीकरण के लिहाज से देखें तो एक बार फिर से यहां साइकिल सबसे आगे नजर आ रही है।

बाहुबली मुख्तार अंसारी का पिछले पांच बार से सदर सीट पर रहा है कब्जा
वहीं मऊ विधानसभा क्षेत्र मुख्तार अंसारी के नाम से जाना जाता है। इस सीट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी पिछली पांच बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार मुख्तार की जगह उनका बेटा अब्बास अंसारी सुभासपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहा है...पिछले 25 साल से मऊ सदर सीट मुख्तार अंसारी के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। लेकिन 2022 का चुनाव एकतरफा नहीं दिख रहा है...अब्बास के खिलाफ बीजेपी ने मुख्तार के कट्टर विरोधी ठाकुर बिरादरी के अशोक कुमार सिंह को कैंडिडेट बनाया है। .वहीं बसपा ने पुराने सिपहसालार भीम राजभर पर दांव लगाया है...साफ है कि इस बार यहां मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है।

जहूराबाद सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला, फंस सकती है ओमप्रकाश राजभर​​​​​​​ की सीट 
वहीं जहूराबाद सीट सातवें चरण की सबसे ज्यादा हॉट सीट बन गई है। यहां से सुभासपा सुप्रीमो ओमप्रकाश राजभर चुनावी मैदान में हैं। उनके खिलाफ बीएसपी ने शादाब फातिमा तो बीजेपी ने कालीचरण राजभर को टिकट दिया है। शादाब फातिमा के चुनाव लड़ने से ओमप्रकाश राजभर मुश्किल में फंसे नजर आ रहे हैं। यहां भी त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है।

मोहम्मदाबाद सीट पर मुख्तार अंसारी के परिवार और अलका राय के बीच कड़ी टक्कर 
वहीं गाजीपुर जिले की मोहम्मदाबाद सीट पर पूरे पूर्वांचल की निगाहें टिकी हुई है। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां बीजेपी की अलका राय ने बसपा कैंडिडेट सिबगतुल्ला अंसारी को हराने में कामयाबी हासिल की थी....इस सीट पर मुख्तार अंसारी के परिवार और अलका राय के बीच कड़ी टक्कर चल रही है.। साल 2002 में अलका राय के पति कृष्णानंद राय की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगा था। 2022 में भी बीजेपी ने यहां से अलका राय को ही कैंडिडेट बनाया है...वहीं उनके खिलाफ मुख्तार के सबसे बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी एक बार फिर सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं।

वाराणसी की सभी सीटों पर पूरे देश की निगाह टिकी
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से वाराणसी की सभी सीटों पर पूरे देश की निगाह टिकी हुई है। वाराणसी उत्तर की सीट पर एक बार फिर सपा-बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। .दो चुनावों में यहां बीजेपी ने झंडा गाड़ा है....इस बार भी बीजेपी ने रविंद्र जायसवाल को ही यहां से टिकट दिया है। वाराणसी उत्तरी विधानसभा क्षेत्र से सपा ने अशफाक अहमद डब्लू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं आप ने डॉक्टर आशीष जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा है....वैसे इस बार भी मुख्य मुकाबला बीजेपी और सपा में ही होने जा रहा है।

वाराणसी दक्षिण सीट पर 30 साल से बीजेपी का रहा कब्जा
वहीं वाराणसी दक्षिण सीट पर 30 साल से बीजेपी का कब्जा रहा है। इस बार बीजेपी ने धर्मार्थ कार्य मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी को यहां से उतारा है। वहीं, सपा ने महामृत्युंजय मंदिर के महंत कामेश्वर नाथ दीक्षित उर्फ किशन को टिकट दिया है....माना जा रहा है कि बीजेपी की 30 साल की पकड़ को कमजोर करने के लिए सपा ने मजबूत दांव चला है। वहीं वाराणसी कैंट सीट पर भी अभी भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है....इस बार सपा, बसपा और आप भी भाजपा के खिलाफ अपनी दावेदारी पेश कर रही है। इस सीट पर करीब 20 साल से बीजेपी की मजबूत पकड़ बनी हुई है। .बीजेपी ने यहां से एक बार फिर सौरभ श्रीवास्तव को ही टिकट दिया है.....वहीं सपा ने कैंट विधानसभा क्षेत्र से पूजा यादव की किस्मत पर भरोसा जताया है। अब देखना होगा कि किसकी किस्मत चमकती है। यह तो 10 मार्च को पता चलेगा। 


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Content Writer

Ramkesh

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