रायबरेली में एक भी दलित-ओबीसी अफसर नहीं...राहुल गांधी के बयान पर यूपी के मंत्री का पलटवार, ‘मोदी-योगी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं होता’
punjabkesari.in Thursday, Nov 07, 2024 - 06:59 PM (IST)
Lucknow News: नागपुर में कांग्रेस नेता और रायबरेली सांसद राहुल गांधी के एक बयान से उत्तर प्रदेश में सियासी हलचल बढ़ गई है। इसी बीच यूपी सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने प्रेस वार्ता कर राहुल गाँधी के नागपुर में दिए गए बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बयान हास्यास्पद है। बैठक में राहुल गांधी ने किसी से परिचय नहीं लिया था बल्कि सभी अफसरों ने खुद अपना परिचय दिया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कहते हैं कि न्यायपालिका में दलित, ओबीसी और आदिवासी समाज के लोग नहीं हैं। इन जजों को मोदी सरकार ने नहीं कांग्रेस की सरकार में नियुक्त किया गया था। दलितों और पिछड़ों के साथ कांग्रेस ने अन्याय किया है। मोदी और योगी सरकार में किसी के साथ अन्याय नहीं होता है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में राहुल गांधी अपने काम उजागर कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि राहुल गांधी ने देश के लिए क्या किया बताएं।
'कांग्रेस में कितने पदाधिकारी दलित पिछड़े है...'
राहुल गांधी स्पष्ट करें कि कांग्रेस में कितने पदाधिकारी दलित पिछड़े है, वह देश की जनता को बताएं? देश की सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं करती है। मोदी योगी की सरकार जनता के हित में काम करती है। राहुल गांधी जी दिशा की बैठक को एमपी की बैठक कह रहे है। ये दुर्भाग्य है देश का की राहुल गांधी जैसे नेता ऐसा बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रायबरेली का चुना हुआ प्रधान सांसद राहुल गांधी से बेहतर है। भारत सरकार की योजनाओं की क्रियान्वयन के लिए दिशा की बैठक होती है। मुझे दुःख होता है कि हमारे नेता प्रतिपक्ष की सदन की योग्यता समझ पायेगा। रायबरेली की जनता को मैं आश्वस्त करता हूँ अगर राहुल गांधी जी सद्भावना खत्म करते है तो मैं न्यायालय जाऊंगा कोई देश की सद्भावना खत्म करेगा तो हमारे सीएम उसपर एक्शन लेंगे।
राहुल बताएं, दलितों के साथ क्या न्याय किया?
राहुल गाँधी द्वारा रायबरेली में एक भी दलित-ओबीसी अफसर नहीं होने के बयान पर मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा की 1951 से आपकी पार्टी ने दलितों-पिछड़ों के साथ अन्याय किया। 1951 से अब तक रायबरेली में किसी दलित पिछड़े को आपने टिकट नहीं दिया। 1991 से 2022 तक आपको ब्यौरा दे रहा हूँ केवल 4 लोगों को पिछड़ों का टिकट दिया है। दलितों को आपने टिकट नहीं दिया तो आपने दलितों के साथ क्या न्याय किया।