ये हैं उत्तर प्रदेश के असली हीरो, जिन्होंने निभाया इस कोरोना काल में ''इंसानियत का फर्ज''

punjabkesari.in Thursday, Apr 22, 2021 - 05:24 PM (IST)

हमीरपुर: देश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में भी कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। यूपी में इस समय एक्टिस केस की संख्या ढाई लाख के करीब है। तो वहीं हर दिन यहां मौत का रिकॉर्ड भी टूट रहा है, लेकिन इस बुरे वक्त में कई ऐसे भी लोग हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के लोगों की हर संभव मदद कर रहे हैं, कोई लावारिस लोगों के शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है। तो किसी ने व्यवसाय को दांव पर लगाकर 'एक रुपए' में ऑक्सीजन देने का बीड़ा उठाया है। ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

कोविड अस्पतालों के लिए 1 रुपए में ऑक्सीजन सिलेंडर
हमीरपुर के सुमेरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित रिमझिम स्पात फैक्ट्री लोगों तक एक रुपए में ऑक्सीजन पहुंचा रही है। दरअसल इस फैक्ट्री में 24 घंटे में एक हजार ऑक्सीजन सिलेंडर भरे जाते हैं। इस ऑक्सीजन प्लांट को कोरोना अस्पतालों के लिए खोल दिया गया है। छोटा सिलेंडर हो या बड़ा सिलेंडर यहां सिर्फ महज एक रुपए में ही ऑक्सीजन मुहैया कराया जा रहा है। बुंदेलखंड के कई जिलों से कोविड अस्पतालों के वाहन ऑक्सीजन के लगातार इस फैक्ट्री में पहुंच रहे हैं। फैक्ट्री के मैनेजर मनोज गुप्ता कहते हैं कि उन्हें बीते साल कोरोना हो गया था, वे उन मरीजों का दर्द समझते हैं। हर तरफ ऑक्सीजन की किल्लत है और कोविड-19 मरीजों को इसकी सबसे अधिक जरूरत है। इसलिए उन्होंने एक रुपए में ऑक्सीजन सिलेंडर देने का निर्णय लिया है। वे कहते हैं कि मैं कोई दान नहीं कर रहा है, बल्कि एक रुपए कीमत भी ले रहा हूं।

लावारिस शवों का कंधा बन रहीं वर्षा
कोरोना काल के समय जब लोग एक-दूसरे के करीब आने से डरते हैं, तब लखनऊ के वर्षा कोरोना से जंग लड़ रहे परिवारों को बेड, ऑक्सीजन, दवाएं मुहैया कराने के साथ ही उनका अंतिम संस्‍कार भी करा रहीं हैं। दरअसल वर्षा वर्मा राजधानी के गोमती नगर क्षेत्र की रहने वाली है। वह कोरोना काल में अब तक 75 शवों का अंतिम संस्कार करा चुकी हैं। वर्षा कहती हैं कि जिन परिवारों में सभी सदस्य पॉजिटिव हैं या धन अभाव के कारण जो लोग किसी अपने को खोने के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं करा पा रहे हैं, उन परिवारों की मदद हम लोग कर रहे हैं। मेरी टीम ने एक गाड़ी को किराए पर लिया है, जो पूरा दिन लोगों के अंतिम संस्कार की क्रिया को कराने में मदद कर रही है। बता दें कि साल 2013 से वे अपनी संस्था के जरिए अब तक 7 हजार 500 बेटियों की शिक्षा में मदद कर चुकी हैं।

इमदाद के लिए इंसानियत की एक धर्म
समाज में धर्म-जाति के नाम पर भले ही भेद हो, लेकिन कोरोना संक्रमण में कोई भेद नहीं कर रहा है. लखनऊ के गोलागंज निवासी इमदाद इमाम और उनकी 5 सदस्यीय टीम के लिए इंसानियत ही एक धर्म है. वे इस कोरोना काल में शवों का अंतिम संस्कार करा रहे हैं। इमदाद इमाम बताते हैं उनके साथ जावेद, मेहंदी राजा, एहसान समेत अन्य युवा इस नेक काम में जुटे हुए हैं.. बहुत से परिवारजन शव का अंतिम संस्कार करने में घबराते हैं। वह आगे नहीं आते हैं, ऐसे लोगों की मदद हम कर रहे हैं। इमदाद बताते हैं कि उन्होंने अब तक 500 शव को सुपुर्द-ए-खाक किया है।

एक कॉल पर दौड़ पड़ता है UP पुलिस का ये दरोगा
उत्तर प्रदेश पुलिस जहां कोरोना संक्रमण काल में फ्रंट लाइन में रहकर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगी है। वहीं, दरोगा नितिन यादव राजधानी लखनऊ में एक कॉल पर संक्रमित मरीजों की मदद के लिए दौड़ पड़ते हैं। दरोगा नितिन यादव अपने निजी खर्चे पर अपने सहयोगियों की मदद से मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती होने तक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवा रहे हैं। दरोगा नितिन अब तक अपने परिचितों के सहयोग और निजी खर्चे पर 17 ऑक्सीजन सिलेंडर जरुरतमंदों तक पहुंचा चुके हैं। जबकि 10 दिन के भीतर 50 संक्रमितों की मदद कर चुके हैं। बता दें कि नितिन यादव लखनऊ कमिश्नर के मीडिया सेल के PRO हैं। वे कहते हैं कि यह सब मैं पुलिस में होने के नाते कर पा रहा हूं। इसलिए मैं यूपी पुलिस का बहुत बड़ा शुक्रगुजार हूं। 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj