रामपुर में हालात शांत: सीमाएं कर दी गयीं सील, हिरासत में लिये गये सपा नेता

punjabkesari.in Friday, Aug 02, 2019 - 09:18 AM (IST)

लखनऊ: सपा विधायक अब्दुल्ला आजम पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन के लिए रामपुर पहुंचने के पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान के एक दिन बाद गुरुवार को प्रशासन ने पूरे जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी और इसकी सीमाओं को सील कर दिया, ताकि सपा नेताओं को रामपुर पहुंचने से रोका जा सके। 

अखिलेश ने कहा, ''आज रामपुर में भाजपा सरकार के इशारे पर प्रशासन ने समाजवादी पार्टी के शांतिप्रिय प्रदर्शन को रोकने के लिए जो अलोकतांत्रिक रवैया अपनाया है, वह सर्वथा निंदनीय है। वहां नागरिक अधिकारों को कुचला गया है ।'' उन्होंने कहा, ''रामपुर को पूरी छावनी बनाकर दहशत का माहौल बनाने के लिए विधायक अब्दुल्ला आजम को घर से निकलते ही हिरासत में ले लिया गया और रामपुर की सीमाओं को सील कर दिया गया । पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव, सांसद एसटी हसन तथा विधायक हाजी इकराम कुरैशी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अवैध ढंग से रामपुर आने से रोका और गिरफ्तार कर लोकतंत्र की हत्या की है।'' 

इस बीच, पुलिस महानिरीक्षक :कानून व्यवस्था: प्रवीण कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि रामपुर में हालात शांत हैं । जिन लोगों ने रामपुर में प्रवेश करने का प्रयास किया, उन्हें विधिक रूप से रोका गया और समझाया बुझाया गया । इसके बाद भी जिन्होंने प्रवेश का प्रयास किया, उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया गया लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया । अखिलेश ने कहा कि पुलिस के आतंक के बावजूद समाजवादी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में लखनऊ से रामपुर पहुंच गए । विधायक अब्दुल्ला आजम के साथ प्रदर्शन में शामिल लीलावती कुशवाहा एमएलसी, युवा नेता मोहम्मद एबाद, बृजेश यादव तथा दिग्विजय सिंह ‘देव‘ सहित हजारों लोग गिरफ्तार किये गए। 

उन्होंने कहा कि सांसद मोहम्मद आजम खां को फर्जी मामलों में बदले की भावना से फंसाकर उनको बदनाम करने की साजिश हो रही है। उनके द्वारा स्थापित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को बर्बाद करने का काम हो रहा है। अखिलेश ने कहा कि विधायक अब्दुल्ला आजम को भी उत्पीड़न का शिकार बनाया जा रहा है । किताब चोरी की बात राग-द्वेष से प्रेरित बचकानी हरकत है। 

उन्होंने कहा कि सरकार जो आरोप लगा रही है, उसकी जांच और जौहर विश्वविद्यालय के हालात का जायजा लेने तथा अब्दुल्ला आजम से मिलने के लिए छह जिलों सम्भल, पीलीभीत, मुरादाबाद, बरेली, बिजनौर और बदायूं के जनप्रतिनिधि रामपुर जा रहे थे, जिन्हें अवैधानिक ढंग से रोका गया है। यह नागरिक अधिकारों पर कुठाराघात है । इससे पहले रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजयपाल शर्मा ने कहा कि जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति को संभालने के लिए 800 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। जिलाधिकारी ए के सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि शहर में शांति बनाये रखने के लिए पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया है। कांवड़ मेले और ईद उल अजहा के कारण निषेधाज्ञा लागू है। 

 

 

Ajay kumar