तीसरी लहर की दस्तक: 3 दिनों में जानलेवा बुखार से 26 बच्चों सहित 50 से ज्यादा लोगों की मौत, होने लगी बेड की कमी

punjabkesari.in Monday, Aug 30, 2021 - 03:56 PM (IST)

लखनऊ: कोरोना की दूसरी लहर के बाद से सरकार तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए कई सारे इंतजाम कर रही है, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में तीसरी लहर की आहट सुनाई देने लगी है। बीते 3 दिनों के अंदर प्रदेश के 4 से ज्यादा जिलों में रहस्यमई वायरल बुखार से 50 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है। सबसे गंभीर बात यह है कि इन मरने वाले 50 लोगों में से 26 बच्चे शामिल हैं। जिससे सरकार के साथ-साथ हेल्थ डिपार्टमेंट के माथे पर बल आ गया है। जिन जिलों में यह मौते हुई हैं, उनमें आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और कासगंज जिले शामिल हैं। यहां लगातार ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है जिन्हें वायरल बुखार जैसे लक्षण हैं। इस वायरल में तेज बुखार, डिहाइड्रेशन और प्लेटलेट काउंट में अचानक गिरावट के कारण मौतें हो रही हैं। इन मरीजों में बच्चों की संख्या सबसे अधिक है। इस बुखार से पीड़ित मरीजों को पूरी तरह ठीक होने में 12 दिन का समय लग रहा है।

मरीजों में नहीं दिख रहा शुरुआती कोई लक्षण, सीधा फेफड़ों पर हो रहा असर
जिस रहस्यमय बुखार से उत्तर प्रदेश के 5 जिलों में लोगों की मौतें हो रही हैं, उन लोगों में बीमारी के शुरुआती कोई लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन कुछ समय बाद मरीज बुखार से तड़पने लगता है और उसे सांस लेने में भारी परेशानी होने लगती है। इसके बाद अचानक से मरीजों के फेफड़े चोक हो जा रहे हैं, जिससे उनकी मौत हो जा रही है। लक्षण पता चलने और मरीज की मौत में केवल 4 दिन लग रहे हैं। जिससे स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग भी परेशान हैं उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वो कोरोना का इलाज करें या वायरल बुखार का। इससे पहले कोरोना संक्रमण के पहले वेव में सर्दी, जुकाम, बुखार, आंख लाल होने जैसे लक्षण दिखते थे। दूसरी लहर में सांस लेने में दिक्कत होने के लक्षण पाए जा रहे थे, लेकिन थर्ड वेवमें ऐसे कोई भी लक्षण नहीं मिल रहे हैं है। 

सितंबर-अक्टूबर महीने में थी तीसरी लहर की चेतावनी  
बढ़ते हुए इन मामलों ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को और गहरा कर दिया है। भारत में कोरोना पर नजर बनाए हुए डॉक्टरों ने सितंबर-अक्टूबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई थी, और इस वायरल बुखार ने इस आशंका को और बल दिया है। केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं उत्तराखंड में भी डेल्टाप्लस वैरिएंट का असर देखने को मिल रहा है। रुद्रप्रयाग जिले में 15 और ऊधमसिंह नगर में 5 लोगों में डेल्टा प्लस संक्रमण की पुष्टि हुई है।  

12 दिन में ठीक हो रहा है यह वायरल बुखार
किसी भी वायरल बुखार को ठीक होने में  4 से 5 दिन का समय लग जाता है, लेकिन प्रदेश में फैल रहे इस वायरल बुखार को ठीक होने में 10 से 12 दिन का समय लग रहा है। इस कारण से लगातार मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ती जा रही है और बेडों की संख्या घटती जा रही है। कई अस्पतालों का इतना बुरा हाल है कि वहां एक बेड पर 2 से 3 मरीजों को रखा जा रहा है। 

Content Writer

Umakant yadav