आपके नन्हे-मुन्नों को खेल-खेल में अंग्रेजी सिखाएगा ये ऐप

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2022 - 11:33 AM (IST)

यूपी डेस्क: पिछले दिनों एक मूवी आई थी ‘तुलसीदास जूनियर’. इस मूवी में अभि‍नेता संजय दत्त एक ऐसे खि‍लाड़ी का किरदार निभा रहे हैं जिसे स्नूकर के खेल से जुनून की हद तक प्यार है। लेकिन स्नूकर का यह दीवाना इंटरनेशनल लेवल पर भारत की तरफ से केवल इस वजह से हिस्सा नहीं ले पाता है क्योंकि उसे अंग्रेजी नहीं आती। यह बात इस मूवी के एक सीन में संजय दत्त खुद ही कहते हैं और ऐसा कहते वक्त उनके चेहरे पर निराशा के भाव साफ दिखते हैं।

मूवी में संजय दत्त की समस्या वास्तव में देश की एक बड़ी आबादी की समस्या है। फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी भला कौन नहीं बोलना चाहता है. लेकिन प्रॉब्लम वही कि सीखें कैसे और किससे.फणीश्वरनाथ रेणु अपनी रचना ‘विघटन के क्षण’ में एक जगह लिखते हैं कि ‘सिखाने वाला उस्ताद हो और सीखने वाला जेहन का तेज’, तोबहुत जल्दी बहुत कुछ सीखा जा सकता है। रेणु के इस कथन को पढ़ा-सुना तो बहुतों ने होगा लेकिन साइंस और टेक्नॉलजी की मदद से इसे सच साबित करने का काम किया है अमित अग्रवाल ने। YouTube इंडिया के हेड रह चुके अमितने एक ऐसे ऐप की खोज की है जो काफी कम उम्र के बच्चों को अंग्रेजी सिखा रहा है। इस ऐप का नाम OckyPocky है। ये ऐप पूरी तरह से बच्चों के बर्ताव के साथ तालमेल बैठाते हुए खेल-खेल में बच्चों को अंग्रेजी सिखा रहा है। 

पेश है उनसे बातचीत के खास अंश:
अमित अग्रवाल ने बताया कि "मैं एक ऐसी फैमिली से ताल्लुक रखता हूं जहां पर शिक्षा हासिल करना बहुत बड़ी बात थी। पिता ने अपनी पढ़ाई पूरी नहीं की लेकिन सभी भाई-बहनों को अच्छी शिक्षा दी, कहीं ना कहीं ये भी एक वजह रही कि मैं शिक्षा के महत्त्व को बखूबी समझता हूं। OckyPocky दरअसल इसी बैकग्राउंड का नतीजा है।”बातचीत के इसी सिलसिले में अमित ने बताया कि जब वो गूगल में काम कर रहे थे तब वहां एक लड़का इंटरव्यू देने आया था, उसके सेलेक्शन पर इस बात को लेकर सवाल उठा कि उसे अंग्रेजी नहीं आती। अमित की मानें तो आज भी 95 प्रतिशत युवाओं को अच्छी नौकरी इसलिए नहीं मिलती क्योंकि उन्हें अच्छी इंग्लिश नहीं आती और इस वजह से वो सवालों का जवाब नहीं दे पाते, साथ ही उनके सॉफ्ट स्किल पर सवाल खड़ा हो जाता है। अमित ने बताया कि बस इसी गैप को कम करने के लिए मैंने कुछऐसा करने की ठानी जिससे अंग्रेजी बोलना सबके लिए आसान बन जाए। 

बस फिर यही वो वक्त था जब अमित ने ये समझ लिया कि अंग्रेजी को बचपन से ही सिखाए जाने की जरूरत है, और इसके लिए क्यों ना एक ऐप बनाया जाए जो बच्चों को अंग्रेजी का महारथी बना दे वो भी खेल-खेल में. OckyPocky ऐप अमित की इसी सोच की देन है। अमित ने बताया कि बच्चे 2 से 8 साल की उम्र के बीच लगभग 6 से 8 भाषाएं सीख सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है बचपन में सिनैप्टिक कनेक्शन का बहुत जल्दी बनना। 

ओकीपॉकी बच्चों को किस तरह इंग्लिश सिखाता है वाले सवाल पर अमित ने बताया कि OckyPocky के इंटरफेस को डिजाइन करते वक्त हमने बच्चों के बर्ताव को पूरी तरह से ध्यान में रखा। OckyPocky ऐप में बंदर (Monkey) के बारे में ठीक वैसे ही बताया गया है जैसे हम या आप उसे सामने से देखते हैं, तमाम शब्दों के बारे में बताने के लिए बड़े ही नैचुरल तरीके से लकड़ी की थीम और प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया है। यानी बताने का तरीका इतना ज़्यादा इंटरैक्टिव होता है कि बच्चा इस ऐप को अपना दोस्त मान ले। इस ऐप पर भारत के अलग-अलग त्योहारों से लेकर क्रिकेट तक की जानकारी बड़े ही मजेदार तरीके से बताई जाती है।

OckyPockyपर फिलहाल मराठी और हिंदी के माध्यम से अंग्रेजी पढ़ाई जा रही है। लेकिन आगे कई और भाषाओं को इस ऐप में जोड़ा जाएगा, जिसमें उर्दू भी शामिल होगी। बता दें कि इस ऐप के जरिए हर दिन छोटे बच्चे 30 से 40 शब्द सीख रहे हैं। अमित कहते हैं कि आने वाले समय में OckyPocky इतना मजेदार बनने वाला है कि बच्चे ज्यादा से ज्यादा भाषाएं सीखेंगे।

अमित ने OckyPocky की शुरुआत महज चार लोगों के साथ मिलकर की थी। ऐप का पहला वर्जनपूरी तरह से फ्लॉप हो गया थालेकिन अमित ने हार नहीं मानी औरऐप में सुधार करते रहे. नतीजा ये है कि आजभारत के 1200 से ज़्यादा छोटे शहरों और क़स्बों में करोड़ों से ज्यादा बच्चेOckyPocky का इस्तेमाल कर रहे हैं। आज OckyPocky के जरिए कई स्कूलों से इंग्लिश पढ़ाने की मांग भी आ रही है। अमित की टीम अब OckyPocky की सहायता से ही स्कूलों में लाइव क्लास लेती है और बच्चों को इंग्लिश पढ़ाती है।

Content Writer

Imran