बांदाः प्राईवेट स्कूल को टक्कर दे रहा यूपी का ये सरकारी स्कूल, बना चर्चा का विषय

punjabkesari.in Friday, Sep 06, 2019 - 01:23 PM (IST)

बांदा: यूपी के बाँदा में एक बेहद पिछड़े गांव में एक ऐसा सरकारी विद्यालय है जो प्राइवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है, आपको बता दें कि  बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए विद्यालय में कम्प्यूटर, प्रयोगशाला और लाइब्रेरी सहित टीवी व सीसीटीवी सभी चीजें मौजूद हैं। इसके साथ ही विद्यालय की साफ-सफाई और खेलकूद की उत्तम व्यवस्था देखकर आपको यही लगेगा कि आप किसी बड़े शहर के किसी प्राइवेट स्कूल में आ गए हैं। यह सब संभव हुआ है एक शिक्षक के प्रयास और सामुदायिक सहयोग से।

बाँदा जनपद के पिछड़े क्षेत्र का छोटा सा गांव कनवारा है। जहां के इस कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय के अन्दर दाखिल होते ही आप चकित रह जाएंगे। क्योंकि की बाढ़ प्रभावित गांव क्षेत्र में बना यह विद्यालय बड़े शहरों के किसी प्राइवेट स्कूल से किसी भी मामले में कम नहीं दिखाई देता है। यहाँ पर बच्चों की पढ़ाई व विद्यालय की साफ-सफाई से लेकर खेलकूद और खाने-पीने समेत सभी की बहुत ही उत्तम व्यवस्था है। जिसकी निगरानी के लिए विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं। जिस पर हर समय विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष त्रिपाठी की नजर रहती है। यहाँ पर छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ कम्प्यूटर और प्रयोगशाला में विज्ञान विषय से संबंधित प्रशिक्षण भी कराए जाते हैं। साथ ही समय-समय पर प्रतियोगी परीक्षा भी आयोजित होती है और अच्छा प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को पुरष्कृत भी किया जाता है।

पुस्तकालय और टीवी की भी है व्यवस्था 
विद्यालय में एक छोटा सा पुस्तकालय भी है। इसके अलावा छात्राओं के मनोरंजन के लिए टीवी की भी व्यवस्था है जिस पर हर शनिवार को छात्राओं को अच्छी व शिक्षाप्रद फिल्में भी दिखाई जाती हैं। जिसके चलते आज यहां की छात्रायें पढाई के साथ-साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। विद्यालय की छात्राओं का कहना है कि ये सारी व्यवस्थाएं उन्हें उनके गुरु और विद्यालय के प्रधानाध्यापक आशुतोष त्रिपाठी की वजह से हाशिल हो सकी हैं। अब उन्हें अपने घर से ज्यादा अच्छा विद्यालय में लगता है।

पूरे जिले में हो रही विद्यालय की चर्चा 
विद्यालय की इस तस्वीर और बदलाव के पीछे यहां के प्रधानाध्यापक आशुतोष त्रिपाठी का अथक प्रयास और सामाजिक सहभागिता है। जिसने इस पिछड़े क्षेत्र में बने इस विद्यालय को नई पहचान दी है। आज पूरे जिले में लोग इस विद्यालय की चर्चा कर रहे हैं। प्रधानाध्यापक आसुतोष का कहना है कि वो चाहते थे कि इस स्कूल के बच्चों को भी प्राइवेट स्कूलों की तरह से आधुनिक तरीके से शिक्षित किया जाए। इसके लिए उन्होंने सामाजिक सहभागिता व खुद से धन एकत्रित कर बच्चों के लिए सारे संसाधन जुटाने शुरू किए और इसका परिणाम यह हुआ कि आज यह विद्यालय बाँदा जिले के सरकारी विद्यालयों के लिए एक नजीर बन चुका है। इसमें पढऩे वाली छात्राओं की सोच और बौद्धिक स्तर पर जबरदस्त बदलाव देखने को मिल रहा है।

जिलाधिकारी और बीएसए ने की तारीफ 
कनवारा के कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय की व्यवस्थाओं और यहां के अध्यापकों की तारीफ बाँदा के जिलाधिकारी हीरालाल और बीएसए हरिश्चंद्र नाथ भी खुले मन से करते हैं। उनका कहना है कि आशुतोष द्वारा किया गया स्कूल का कायाकल्प वास्तव में काबिले तारीफ है। इसे नजीर बनाकर उन्होंने जनपद के बाकी विद्यालयों के अध्यापकों से भी अपील की है कि वो भी इससे सीख लें और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाएं।

Ajay kumar