ये अंधा कानून है…? बेगुनाह शख्स ने पुलिस की लापरवाही से जेल में काटे 30 साल, अब होगी रिहाई

punjabkesari.in Sunday, Apr 02, 2023 - 05:35 PM (IST)

कन्नौज: रोजमर्रा की जिंदगी में कभी कभी बेहद हैरान करने वाले मामले सामने आ जाते हैं, जिन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। कई बार किसी को बेगुनाह बिना किसी गलती के सजा मिल जाती है। कोई शख्स अपनी पूरी जवानी जेल में बिता देता है। एक ऐसा ही मामला कन्नौज के छिबरामऊ से सामने आया है। जहां एक शख्स ने अपनी जिंदगी के 3 से भी ज्यादा दशक बिना गलती के जेल में बिता दिए। फिलहाल हरदोई जेल में बंद इस व्यक्ति की रिहाई के लिए कन्नौज की कोर्ट से परवाना भेज दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, फिरोजाबाद के मोहल्ला कंबोहान निवासी राजेंद्र सिंह ने 7 अगस्त 1991 में लूट का मुकदाम दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने छिबरामऊ के बजरिया में जेवरात से भरा उनका थैला लूट लिया। वह अपनी बेटी की शादी के लिए जेवरात खरीद कर अपने घर जा रहे थे। चूंकि पुलिस को मामले का जल्द खुलासा करना था। ऐसे में पुलिस ने आनन फानन में छिबरामऊ के रहने वाले विनोद उर्फ कुलिया, रमा उर्फ रमाशंकर, अजय दीक्षित, रामप्रकाश मिश्रा, उमाकांत मिश्रा, विद्याधर, नरेश दुबे व सतीश चंद्र को गिरफ्तार कर लिया। इनसे माल तो कुछ बरामद हुआ नहीं, पुलिस ने इनका चालान कर दिया।

मामला कोर्ट में आने के बाद बाकी आरोपियों की ओर से वकीलों ने पैरवी की और उन्हें छुड़ा लिया, लेकिन कन्नौज जिले के छिबरामऊ के मोहल्ला तिवारियान निवासी विनोद उर्फ कुलिया अब बुजुर्ग हो गए हैं। उनके परिवार में कोई सदस्य न होने पर जिला न्यायालय में पैरवी नहीं हो सकी थी। ऐसे में वह 30 साल तक जेल में सड़ता रहा। विनोद की गिरफ्तारी उस समय हुई, जब वह नाबालिग ही थे, लेकिन अब उनकी उम्र 50 के पार है। चेहरे पर झुरियां है, बाल और दाढी सफेद हो चुकी है। चूंकि अभी उनकी शादी भी नहीं हुई थी और जेल में रहने के दौरान ही मां बाप का निधन हो गया। ऐसे में अब उनके घर में कोई नहीं हैं। शुक्रवार को उन्हें आरोप से दोषमुक्त करते हुए रिहाई का आदेश जारी किया गया है। 


 

Content Writer

Tamanna Bhardwaj