निर्भया के बाबा से बाेला CMO- दिल्ली पढ़ने के लिए भेजोगे तो यही होगा

punjabkesari.in Wednesday, Feb 12, 2020 - 03:03 PM (IST)

बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया से बहुचर्चित केस निर्भया के गांव में बने प्राथमिक चिकित्सालय में दुर्व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों द्वारा तीन दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। जिसके बाद धरने पर पहुंचे बलिया के सीएमओ ने गांव वालों के सामने ही निर्भया को लेकर विवादित बयान दे दिया है। साथ ही गांव वालों से कहा कि जब डाक्टर पैदा नहीं कर सकते तो डाक्टर कहां से मिलेगा।

बता दें कि 2012 में हुए दिल्ली निर्भया कांड से देश ही नहीं बल्कि विदेश भी अछूता नही हैं। जिसके बाद से आलम ये रहा कि निर्भया के गांव मेरवड़ा में प्रशासन द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किये गये। उन्हीं दावों में से एक नए प्राथमिक चिकित्सालय का निर्माण भी था। दरअसल निर्भया डाक्टर बनना चाहती थी और अपने दूर दराज गांव के लोगों की सेवा करना चाहती थी। उसकी याद में बनाया गया चिकित्सालय दुर्व्यवस्था का शिकार हो गया जहां न तो डाक्टर है और न ही दवा। ऐसे में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

वहीं गांव वालों की समस्याओं को सुनने पहुंचे बलिया के सीएमओं प्रीतम मिश्रा ने ग्रामीणों के साथ अभद्रता से बात करना शुरू कर दिया। सीएमओ महोदय ने कहा हमसे फालतू बात न करिए पहले मेरी बात सुनिए.... जब यहां गांव में डॉक्टरी पढ़ने की ताकत नहीं है तो डॉक्टर की उम्मीद कैसे कर रहे हो।...जब डॉक्टर पैदा नहीं होंगे तो कहा से होंगे... अस्पताल बनना हमारा काम नहीं है डॉक्टर का काम है डॉक्टरी पढ़ के डॉक्टरी में जाना चाहिए। पूरे गांव में डॉक्टर तो है नहीं और बतिया रहे हैं बड़े-बड़े बात।

हालांकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के डिमांड पर नाराज ग्रामीणों ने सीएमओ से कहा हमारे गांव में डॉक्टर तो थी पर आप ने ले लिया, उसकी जिंदगी ले लिए तब सीएमओ ने कहा ----- कहा की डॉक्टर? कौन है डॉक्टर? तब ग्रामीणों ने जवाब दिया निर्भया का नाम नहीं सुने हो। तब सीएमओ बलिया ने बिना सोचे समझे कह दिया। काहे के लिए दिल्ली भेज दिए थे यहीं क्यों नहीं रखे।

दरअसल निर्भया का गांव ऐसे इलाके में है जहां सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। प्राथमिक चिकित्सालय ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत बन कर आया पर डाकटर न होने और सुविधाओं के न होने के कारण मुसीबत बन गया।

वहीं निर्भया के दादा लालजी सिंह का कहना है कि शासन प्रशासन निर्भया की बात तो जरुर करता है पर निर्भया के नाम पर गाँव में विकास के नाम पर हर दावा झूठा शाबित हो रहा है। जो मूलभूत सुविधाएं चाहे वो बिजली, पानी, सड़कें और अस्पलाल हो सभी से गुमराह किया गया है। कोई भी विकास का काम गांव में नही हुआ है। 

अब सवाल ये उठता है कि एक वरिष्ठ अधिकारी को ऐसा बोलने का हक किसने दिया। ग्रामीणों की समस्या सुनने और उनका समाधान निकालने के बजाय सीएमओ साहब ग्रामीणों से उलझते नजर आए और एक बाद एक बेतुके और शर्मसार करने वाले शब्द ग्रामीणों को सुनाने लगे। निर्भया के गांव की बदहाली का जिम्मेदार आखिर कौन है जहां न ही निर्भया के दोषियों को अब तक सजा मिली और न ही निर्भया के गांव को इंसाफ के साथ विकास मिला।  

 

Ajay kumar