जो होली के दौरान उपद्रव को नियंत्रित करने में असमर्थ रहे, वह महाकुंभ को ‘‘मृत्यु कुंभ' बता रहे थे- योगी

punjabkesari.in Sunday, Mar 16, 2025 - 02:22 PM (IST)

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनके ‘‘मृत्यु कुंभ'' वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘जो लोग होली के दौरान उपद्रव को नियंत्रित करने में असमर्थ रहे, उन्होंने प्रयागराज के महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ' कहा था।'' मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पहली बार तमिलनाडु से लोग आए थे। केरल से भी लोग आए थे।

 यूपी में होली शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई 
उत्तर प्रदेश की आबादी 25 करोड़ है और होली शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। लेकिन, पश्चिम बंगाल में होली के दौरान कई उपद्रव हुए। जो लोग होली के दौरान उपद्रव को नियंत्रित करने में असमर्थ थे उन्होंने कहा था कि प्रयागराज का महाकुंभ मृत्यु कुंभ था।'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, हमने कहा कि यह मृत्यु नहीं है, यह मृत्युंजय है। यह महाकुंभ है। इस कुंभ ने साबित कर दिया है कि महाकुंभ के 45 दिनों में, हर दिन पश्चिम बंगाल के 50 हजार से एक लाख लोग इस आयोजन का हिस्सा थे।

महाकुंभ ‘‘मृत्यु कुंभ'' विरोधियों ने बताया 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 18 फरवरी को कहा था कि भगदड़ की घटनाओं के कारण महाकुंभ ‘‘मृत्यु कुंभ'' में बदल गया है। उन्होंने दावा किया था कि महाकुंभ में मौतों के वास्तविक आंकड़े को अधिकारियों ने दबा दिया है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक संबोधन के दौरान बनर्जी ने कहा था, ‘‘उन्होंने मौतों का आंकड़ा कम करने के लिए सैकड़ों शवों को छिपा दिया है। भाजपा शासन में महाकुंभ ‘मृत्यु कुंभ' में बदल गया है।'' इसके बाद, 20 फरवरी को ममता बनर्जी ने कोलकाता के पास न्यूटाउन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि वह सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करती हैं।

सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करती हूं- ममता
उन्होंने कहा था, ‘‘किसने कहा कि मैं अपने धर्म का सम्मान नहीं करती? याद रखें कि धर्म एक व्यक्ति का होता है लेकिन त्योहार सभी के लिए होते हैं। हमारे देश में, हमारे पास कई राज्य हैं और प्रत्येक की भाषा, शिक्षा, जीवन जीने का तरीका, संस्कृतियाँ तथा मान्यताएँ अलग-अलग हैं। लेकिन हम सभी संस्कृतियों का सम्मान करते हैं और यही कारण है कि विविधता में एकता हमारा दर्शन और विचारधारा है।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static