तीन तलाक बिल पास होने पर “कहीं खुशी कहीं गम”, पीड़िताओं ने मनाया जश्न-मौलानाओं ने किया विरोध

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 11:29 AM (IST)

लखनऊः एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को सजा के दायरे में लाने का बिल राज्यसभा से पास होते ही मुस्लिम महिलाओं और तीन तलाक पीड़िताओं ने जश्न मनाया, लेकिन इस मुद्दे पर तमाम मौलानाओं ने विरोध का इजहार भी किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि बिल राजनीति से प्रेरित है। बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।  

ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के महासचिव मौलाना सुफियान निजामी का कहना है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने का हक है। संसद में जिसका बहुमत होता है, उसी की जीत होती है। लिहाजा एक संवैधानिक तरीके से बिल पास हुआ है। राज्यसभा में बिल पास करवाने में उन पार्टियों का योगदान है, जिन्होंने राज्यसभा से वॉकआउट किया।

वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने कहा कि यह महिलाओं की जीत है। मुस्लिम महिलाओं को सम्मान से जीने का अधिकार मिलेगा। हिंदू मैरिज एक्ट की तर्ज पर ही मुस्लिम मैरिज एक्ट बनना चाहिए। कानून ऐसा हो, जिसमें पति-पत्नी के बीच सुलह की गुंजाइश बनी रहे। मुस्लिम महिलाओं से भी उनकी राय ली जाए। अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य रुमाना सिद्दीकी ने कहा कि अब पति तीन तलाक देना तो दूर, सोचेंगे तक नहीं। संसद में बिल पास होने से मुस्लिम महिलाओं को सिक्योरिटी मिलेगी।

Ruby