संभल हिंसा में तीन की मौत: प्रशासन ने इंटरनेट सेवा पर लगाई रोक
punjabkesari.in Sunday, Nov 24, 2024 - 07:45 PM (IST)
संभल: उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जलाने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। प्रशासन ने हिंसा और बवाल को रोकने के लिए संभल में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन 12वीं तक स्कूल को बंद कर दिया है।
मुरादाबाद मंडल आयुक्त बोले- उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘उपद्रवियों ने गोलियां चलाईं और कुछ छर्रे हमारे पुलिसकर्मियों को लगे। जहां से गोलियां चलाई गईं, खास तौर पर दीपा सराय इलाके से, उसकी हम जांच कर रहे हैं।'' मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने संभल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस मामले में उपद्रवियों के दो तीन समूह थे जो लगातार गोलीबारी कर रहे थे। पुलिस प्रशासन ने सर्वे करने आई टीम को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि समूहों में उपद्रव करने वालों में एक समूह के लोग नखासा में चले गये और पथराव शुरू कर दिया। सिंह ने कहा कि पुलिस प्रशासन ने इन सभी भगाया। उन्होंने बताया कि इस हिंसा में 20 से 25 वर्ष के बीच की उम्र के तीन लोगों की मौत हुई है।
मरने वालों में तीन युवक शामिल
उन्होंने कहा कि मृतकों की शिनाख्त मोहल्ला कोट गर्वी निवासी नईम, सरायतरीन निवासी बिलाल और हयातनगर निवासी नोमान के रूप में हुई है। मंडल आयुक्त ने कहा कि इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के पैर में गोली लगी है जबकि उप जिलाधिकारी का पैर टूट गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस क्षेत्राधिकारी को भी छर्रे लगे हैं और अब स्थिति नियंत्रण में है। आयुक्त ने कहा कि पथराव में शामिल दो महिलाओं को पकड़ा गया है और लगभग 22 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके पहले एक अधिकारी ने बताया कि 02 महिलआों को भी हिरासत में लिया गया है। हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की। एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है।
सीसीटीवी फुटेज से उपद्रवियों की जा रही पहचान
दरअसल स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। स्थानीय प्रशासन के अनुसार विवादित स्थल पर अदालत के आदेश के तहत ‘‘एडवोकेट कमिश्नर'' ने दूसरी बार सर्वेक्षण कार्य सुबह सात बजे के आसपास शुरू किया और इस दौरान मौके पर भीड़ जमा होने लगी। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा, ‘‘घटनास्थल के पास एकत्रित भीड़ में से कुछ उपद्रवी बाहर आए और उन्होंने पुलिस दल पर पथराव किया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले दागे।'' पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ड्रोन, सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से लोगों की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा कि पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जिनमें से एक-दो पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि पथराव करने वालों और उन्हें उकसाने वालों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी बोले- संभल में स्थिति नियंत्रण में है
पेसिया ने पत्रकारों से कहा कि उपद्रवियों को खदेड़ दिया गया और अब उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी। संभल में पथराव और आगजनी पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘संभल में स्थिति नियंत्रण में है और हम हालात पर नजर रखे हुए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारी मौके पर हैं। जल्द ही असामाजिक तत्वों की पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।'' संभल में सर्वेक्षण स्थल के पास कथित तौर पर पुलिस पर पथराव करते युवाओं के वीडियो सामने आये हैं। मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने इससे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा था,‘‘आज अदालत के आदेश से सुबह सात बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक सर्वेक्षेण हुआ और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था थी, इसी बीच कुछ लोग इकट्ठे हुए और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के उपरांत पथराव करने लगे जिन्हें पुलिस ने खदेड़ा। लोग भारी संख्या में इकट्ठा हो गए। लगभग 2000 से 3000 लोग रहे होंगे और पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
उपद्रवियों को तितर बितर करने के लिए आसू गोले छोड़े गए
मंडलायुक्त ने कहा, ‘‘इस बीच छत से भी गोलीबारी की गई और ऐसे तत्वों की पहचान की जा रही है। कुछ जवान भी घायल हुए। बल प्रयोग करके उपद्रवियों को तितर बितर किया गया।'' सिंह ने कहा, ‘‘दूसरी घटना दीपा सराय में हुई जहां पथराव करने वालों को खदेड़ा गया, छत से भी पथराव किया गया और इसमें दो महिलाओं की पहचान भी की गई है। कुछ को हिरासत में भी लिया गया है इसमें कम उम्र लोग के लोग और महिलाएं भी शामिल है।'' शनिवार को पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई के तहत समाजवादी पार्टी के सांसद के पिता समेत 34 लोगों को शांति भंग की आशंका के मद्देनजर पाबंद किया गया।
सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क समेत 34 लोग पाबंद
संभल की उप जिलाधिकारी (एसडीएम) वंदना मिश्रा ने को बताया कि संभल के सपा सांसद जिया उर रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क सहित 34 लोगों को पाबंद किया गया है। उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) चंदौसी के आदेश पर ‘एडवोकेट कमिश्नर' ने सुबह करीब सात बजे से शुरू हुआ, वहां की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पूरी हुई और अब ‘एडवोकेट कमिश्नर' 29 नवंबर तक अदालत में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।'' इसके पहले जैन ने बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन' गठित करने के निर्देश दिये हैं।
हरिहर मंदिर का दावा
उन्होंने बताया था कि अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए थे। जैन ने पिछले मंगलवार को कहा था कि मस्जिद से संबंधित याचिका में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार, मस्जिद समिति और संभल के जिला मजिस्ट्रेट को पक्षकार बनाया गया है। विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन ने ज्ञानवापी मस्जिद-काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद सहित उपासना स्थलों से संबंधित कई मामलों में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व किया है। हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने को बताया कि अदालत में दाखिल उनकी याचिका में कहा गया है कि ‘‘बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताब में इस बात का उल्लेख है कि जिस जगह पर आज जामा मस्जिद है वहां कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।
उन्होंने यह भी दावा किया कि मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कराया था। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने इस घटनाक्रम पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा, ‘‘संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में एक आदेश में कहा था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे।'' समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क ने घटनाक्रम पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा, ‘‘संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है। उच्चतम न्यायालय ने 1991 में आदेश दिया था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस भी स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर बने रहेंगे।" इस मामले में अगली सुनवाई 29 जनवरी को होगी।