गैंगरेप की सजा से बचने के लिए आरोपी ने खुद को साबित किया था नाबालिग, फर्जी कागजात का लिया सहारा

punjabkesari.in Saturday, Jul 16, 2022 - 04:58 PM (IST)

झांसीः उत्तर प्रदेश के झांसी में 16 साल पहले हुए गैंगरेप मामले में आरोपी को कोर्ट ने बालिग माना है जबकि आरोपी ने सजा से बचने के लिए फर्जी कागजात का सहारा लिया था। पीड़ित पक्ष ने मामले में जांच कर आरोपी को गैंगरेप की सजा देने  की मांग की है। 
  

यह है पूरा मामला

बता दें कि घटना 5 नवंबर 2006 की है, जब एक लड़की का चलती गाड़ी में 3 लड़कों ने बेरहमी से गैंगरेप कर दिया था। रेप करने के बाद उसका अश्लील वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। जिससे यह घटना सामने आई। उसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। 3 आरोपियों में से  एक आरोपी ने को कोर्ट में 10 साल की सजा सुनाई गई और दो आरोपियों ने कोर्ट में खुद को नाबालिग साबित कर दिया था। लेकिन अब यह मामला सामने आया है कि नाबालिग साबित होने वाले आरोपी बालिग है।  
     
फर्जी कागजात का मामला

गैंगरेप मामले के 3 आरोपियों में से एक आरोपी के जेल जाने पर उसके पिता ने 23 अगस्त 2007 को उसे सजा से बचाने के लिए उसका नकली नंबर कार्ड बना कर कोर्ट में पेश कर दिया। नंबर कार्ड के आधार से आरोपी की जन्मतिथि 16 नवंबर 1989 होने पर कोर्ट ने उसे नाबालिग साबित कर दिया। बाद में कोर्ट के रिकॉर्ड से यह फर्जी कागजात गायब करा दिए गए। बाद में सामाजिक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि घटना के समय आरोपी बालिग था। उस समय वह मसीहागंज के सेंट मैरी इंटर कॉलेज में पढ़ता था। यहां पर उसकी जन्मतिथि 10 अगस्त 1988 है। यह साबित करने के लिए उन्होंने 12 मार्च 2022 को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।    

पुलिस ने जब इस मामले की पूरी जांच की तो यह आरोप सही साबित हुए। आरोपी की सही जन्म तिथि 10 अगस्त 1988 ही है। यह उसके अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक था। जिसके आधार से यह साबित होता है कि आरोपी कपिल बालिग था। बालिग होने पर उसे धारा 376 के तहत 10 साल तक की उम्रकैद की सजा हो सकती है। 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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