नवरात्र का चौथा दिन आज, मां कूष्मांडा के दर्शन को उमड़ा जन सैलाब
punjabkesari.in Saturday, Oct 13, 2018 - 04:11 PM (IST)
मिर्जापुरः जगत जननी मां विन्ध्यवासिनी के धाम में आज नवरात्र के चौथे दिन देवी स्वरुप मां कूष्मांडा की विधिवत पूजा की गई। सुबह भोर में मां की मंगला आरती के बाद भक्तों को कूष्मांडा के दर्शन और मां की एक झलक पाकर भक्त निहाल हो उठे।
नवरात्रों में चौथे दिन कूष्माण्डा देवी के स्वरुप की ही उपासना की जाती है। मां कूष्माण्डा की उपासना से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। अपनी मंद हंसी द्वारा अण्ड अर्थात् ह्माण्ड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्माण्डा देवी के नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि का त्व नहीं था। चारों ओर अंधकार ही अंधकार परिव्याप्त था। तब इन्हीं देवी ने अपने ईषत् हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना की थी। अत: यही सृष्टि की आदि-स्वरूपा आदि शक्ति हैं।
इनके पूर्व ब्रह्माण्ड का अस्तित्व था ही नहीं। इनकी आठ भुजाएं हैं। इनके सात हाथों में क्रमश: कमण्डल, धनुष बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जपमाला है। इनका वाहन सिंह है। विंध्यधाम के पुजारी मां कुष्मांडा की महिमा का बखान करते हैं कि मां सृष्टि की देवी है जगत का सृजन मां ने ही किया है।