‘कल को हरिजन एक्ट भी हटा देंगे’… जाति आधारित रैलियों पर रोक के फैसले पर अखिलेश यादव का हमला
punjabkesari.in Tuesday, Sep 23, 2025 - 08:48 PM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जाति आधारित रैलियों, प्रदर्शनों और एफआईआर में जातीय पहचान का उल्लेख रोकने के आदेश के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फैसले को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर दलित विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा, “सबसे ज्यादा अन्याय दलितों के साथ हो रहा है। कल को ये कहेंगे कि हरिजन एक्ट भी नहीं लिखा जाएगा।”
अखिलेश यादव ने सरकार से पूछा कि 5000 साल पुराने भेदभाव को कैसे दूर किया जाएगा अगर जाति की बात ही नहीं की जाएगी? उन्होंने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर को भी जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ा था, और अब सरकार उसी असलियत को दबाने की कोशिश कर रही है।
क्या है सरकार का आदेश?
उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में जाति आधारित रैलियों, जुलूसों और सार्वजनिक प्रदर्शनों पर रोक लगाने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही, एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो, सरकारी रिकॉर्ड और वाहनों पर जातिसूचक शब्दों के उपयोग पर भी सख्त निगरानी की बात कही गई है। सरकार का कहना है कि यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश के अनुपालन में उठाया गया है। हाईकोर्ट ने पुलिस और प्रशासन को निर्देश दिया था कि एफआईआर और गिरफ्तारी मेमो में जाति का उल्लेख न किया जाए, और सार्वजनिक जगहों पर लोगों के नाम के साथ जाति का प्रचार-प्रसार न हो।
सपा का तीखा विरोध
समाजवादी पार्टी इस आदेश के खिलाफ खुलकर विरोध कर रही है। पार्टी का कहना है कि इस कदम से दलितों और वंचित वर्गों के अधिकारों को दबाया जा रहा है। अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर “वर्चस्ववादी ताकतों” को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है और कहा कि न्याय तभी मिलेगा जब भाजपा की सरकार जाएगी।