गोरखपुर हादसे की जांच जारी, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई: सिद्धार्थ नाथ

punjabkesari.in Wednesday, Aug 16, 2017 - 06:05 PM (IST)

लखनऊ: बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत के मामले की जांच प्रदेश की मुख्य सचिव की कमेटी के अलावा दिल्ली के 3 विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम भी कर रही है। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूमों की मौत को जघन्य अपराध बताया है। उन्होंने कहा कि जांच की रिपोर्ट में जो भी इसके लिए दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से अॉक्सीजन के स्टॉक आदि के बारे में जानकारी मंगवाई थी, कहीं से किसी कमी की सूचना नहीं मिली है। सिंह योजना भवन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उसी दौरान बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में 30 बच्चों की मौत के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन आपूर्ति करने वाले और बीआरडी कॉलेज के लोगों के भीतर इसे लेकर संवेदनशीलता होनी चाहिए थी क्योंकि यह जरूरी है।

ऑक्सीजन के कारण किसी की मौत हो जाए य​​ह एक जघन्य अपराध है, यदि इसमें किसी प्रकार की लापरवाही होती है, तो वह भी एक गंभीर अपराध है। इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनी है। उसकी जांच में पैसे लेना, कमीशन लेना, किन कारणों से भुगतान नहीं किया गया जैसी बातें सामने आ रही हैं। उनकी भी जांच की जा रही है।

सिंह ने कहा कि दिल्ली के 3 वरिष्ठ डाक्टरों की एक टीम भी इस मामले की जांच कर रही है। वह भी अपनी रिपोर्ट देगी। मुख्य सचिव की कमेटी की भी रिपोर्ट आएगी। दोनों रिपोर्ट में यदि कोई भी दोषी या जिम्मेदार पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना के दिन प्राथ​मिक जांच के आधार पर बीआरडी कालेज के प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई की गई। स्वास्थ्य मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से ऑक्सीजन की कमी या बिल बकाया होने के संबंध में सूचना मांगी गई थी। कहीं से किसी कमी की कोई जानकारी नहीं आई है।

उन्होंने बताया कि गोरखपुर के आसपास के जिलों के अस्पतालों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो को सभी आवश्यक सुविधाएं देकर इतना बेहतर बनाया जा रहा है कि आसपास के जिलों के आने वाले रोगियों का संपूर्ण इलाज उनके गांव या जिले के अस्पताल में ही हो जाए। उन्हें गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कालेज तक आना ही ना पड़े। मंत्री ने कहा कि इस बार एइएस और जेई प्रभावित जिलों के 93 लाख बच्चों का टीकाकरण किया गया है।