ताज महोत्सव 2018 के तीसरे दिन भूमि त्रिवेदी ने लगाया बॉलीवुड तड़का, सजाई सुरों की महफिल

punjabkesari.in Wednesday, Feb 21, 2018 - 11:45 AM (IST)

आगराः दुनिया के सात अजूबों में शुमार ताजमहल के साए में रविवार से ताज महोत्सव का शुभारंभ हुआ है। इस 10 दिवसीय महोत्सव में कला और शिल्प के रंग बरसेंगे। ताज महोत्सव के तीसरे दिन शिल्पग्राम का मुक्ताकशीय मंच पर बॉलीवुड का जबरदस्त तड़का लगा। मुक्ताकशीय मंच पर रात 10 बजे गायिका भूमि त्रिवेदी मंच पर पहुंची और इसी के साथ धमाल शुरू हो गया। देर रात तक शिल्पग्राम उनके सुरों के साथ झूमता रहा। हालांकि, दर्शक दीर्घा में कमी देखने को मिली जिससे कुर्सियां खाली पड़ी हैं। अधिकारी महोत्सव बन चुके ताज महोत्सव की स्थिति को बयां कर रही है।

 भूमि त्रिवेदी ने सुरों की महफिल सजाई
महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार देर शाम को शिल्पग्राम के मुख्य मंच पर मुख्य आकर्षण बॉलीवुड नाइट रही। इसमें गायिका भूमि त्रिवेदी ने सुरों की महफिल सजाई। उन्होंने शुरुआत गीत रांझन दे याद बुलया.. से की। सुरों के उतार-चढ़ाव के साथ तालियां गूंज रही थीं। इसके बाद उन्होंने जुगनी.. गीत सुनाया। जब उन्होंने अपना हिट सांग राम चाहे लीला चाहे राम, इन दोनों के लव में दुनिया का क्या काम.. सुनाया तो युवाओं ने उनके साथ सुर में सुर मिलाया। जग घुमेया थारे जैसा न कोई.., इश्क सूफियाना.., जालिमा.., बन्नो रे बन्नो मेरी चली रे ससुराल को.. जैसे गीतों से उन्होंने महफिल की रौनक बढ़ाई। वहीं, महोत्सव में लगातार तीसरे दिन भी सन्नाटा पसरा रहा। महोत्सव में शहरवासी नहीं पहुंच रहे हैं। इससे शिल्पी भी उदास हैं।

यहां प्रस्तुति देना गर्व की बातः भूमि त्रिवेदी 
इस दौरान ताज महोत्सव में मंगलवार को प्रस्तुति देने आईं पाश्र्व गायिका भूमि त्रिवेदी ने कहा कि ताज महोत्सव में प्रस्तुति देना उनके लिए गर्व की बात है। इस मंच पर बड़े-बड़े कलाकार प्रस्तुतियां दे चुके हैं। यह उनके करियर के लिए माइल स्टोन साबित होगा और उन्हें बढ़त मिलेगी। भूमि शिल्पग्राम के मुख्य मंच पर प्रस्तुति देने से पूर्व ग्रीनरूम में प्रेसवार्ता कर रही थीं। उन्होंने कहा कि उन्हें ढाई वर्ष की उम्र से ही गाने का शौक था। माता-पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और हमेशा प्रोत्साहित किया। इंडियन आइडल में वर्ष 2007 में पीलिया और वर्ष 2008 में आंटी की मौत की वजह से बाहर हो गई। वर्ष 2009 में रनर-अप रही। वर्ष 2012 में फिल्मी करियर फिल्म ‘प्रेममयी’ के गीत बहने दे.. से शुरू हुआ।

कम बिक्री होने की वजह से उदास शिल्पी
उधर, ताज महोत्सव में आयोजित बालीवुड नाईट से भरोसा था कि दर्शकों की संख्या बढ़ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महोत्सव के तीसरे दिन भी दर्शकों की संख्या पहले 2 दिनों की तरह ही रही। जिसे लेकर जहां अधिकारियों के माथे पर शिकन दिख रही है तो वहीं दूर-दराज से आए हुए शिल्पी कम बिक्री होने की वजह से उदास हैं।