...जब महात्मा गांधी की तरह धोती-कुर्ता और चप्पल पहने बुजुर्ग को TTE ने नहीं दिया शताब्दी में चढ़ने

punjabkesari.in Saturday, Jul 06, 2019 - 01:49 PM (IST)

इटावाः इटावा के रेलवे स्टेशन पर एक वृद्ध यात्री को इस महज इसलिए शताब्दी ट्रेन से उतार दिया, क्योंकि वह साधारण दिख रहे थे। वृद्ध ने भारतीय परिधान धोती कुर्ता और रबर का चप्पल पहने हुए था। शताब्दी एक्सप्रेस का कन्फर्म टिकट होने के बाद भी कोच कंडक्टर ने वृद्ध को कोच में नहीं चढ़ने दिया। जिसके बाद बुजुर्ग ने इस अपमान की शिकायत रेलवे विभाग से की और रवाना हो गए।

धोती-कुर्ता और चप्पल पहने बुजुर्ग को ट्रेन में चढ़ने से रोका
बता दें कि बाराबंकी के ग्राम मूसेपुर थुरतिया के रहने वाले बाबा अवधदास ने 4 जुलाई को इटावा जंक्शन से गाजियाबाद जाने के लिए शताब्दी (12033) ट्रेन में अपनी सीट बुक कराई थी। उन्हें सी-दो बोगी में 72 नंबर सीट मिली थी। जिसका उल्लेख टिकट चार्ट में भी था। ट्रेन जब गुरुवार सुबह 7:40 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर आई तो बाबा रामअवध दास बोगी में चढ़ने लगे। उसी समय गेट पर मौजूद सिपाही ने उन्हें ट्रेन में चढ़ने से रोका। तभी कोच अटेंडेंट भी आ गए। महातमा गांधी की तरह धोती कुर्ता ओर पैरों में रबर की हवाई चप्पल पहने बाबा को चढ़ने से रोकते हैं। इस दौरान ट्रेन प्लेटफोर्म से निकल गई, बाबा वहीं पर खड़े रह गए।

'मैं इस घटना की रेलमंत्री से करूंगा शिकायत'
नाराज बुजुर्ग ने कहा, 'मैं इस घटना की शिकायत रेलमंत्री से करूंगा। इसके बाद ट्रेन के बजाय बस से गाजियाबाद के लिए रवाना हो गए।'

उच्च अधिकारियों को भेजी गई शिकायत
इटावा के स्टेशन सुपरिटेंडेंट पीएम मीना ने बताया कि, शताब्दी ट्रेन के पैंट्री कर्मियों व आरपीएफ के सिपाही ने बुजुर्ग को चढ़ने नहीं दिया था। इस बात का उल्लेख यात्री ने शिकायती रजिस्टर में किया है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।

1893 में महात्मा गांधी को भी ट्रेन से उतारा गया था
जानने योग्य है कि उतर प्रदेश की इस घटना ने 7 जून 1893 के वाकिये को दोहरा दिया। उस समय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में सिर्फ इसलिए ट्रेन से उतार दिया गया था क्योंकि वो अश्वेत थे। ठीक ऐसी ही घटना 126 वर्ष बाद इटावा जंक्शन पर घटी जो अब चर्चा का केंद्र बन गई है।

Tamanna Bhardwaj