चाचा शिवपाल पंचायत चुनाव में जसवंतनगर तक ही सिमटे, राजनीतिक विश्लेषकों ने कही ये बात

punjabkesari.in Friday, Apr 09, 2021 - 07:42 PM (IST)

इटावा: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा के चुनाव के लिये समाजवादी पार्टी (सपा) से गठबंधन की समय समय पर पेशकश करने वाले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का पंचायत चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र जसवंतनगर तक ही सिमटना राजनीतिक विश्लेषकों के बीच मंथन का विषय बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि संसदीय चुनाव में करारी हार के बाद शिवपाल ने अपने कदम जिला पंचायत चुनाव से पीछे खींचे है, तभी तो उन्होंने केवल जसवंतनगर विधानसभा की मात्र दस ही सीटो पर अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को उतारा हुआ है। प्रसपा प्रमुख अब हर हाल में सपा से गठबंधन करके अगला विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन उनके रूख पर भतीजे एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से सही ढंग से कोई जवाब नहीं मिल सका है ।      

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सृजन करने वाले शिवपाल कोआपरेटिव सेक्टर के बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं लेकिन जिस ढंग से उन्होंने पंचायत चुनाव में अपनी भूमिका को सीमित किया है उससे कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं । लोगो को तरह तरह की बाते करते हुए देखा जा रहा है कि कईयो लोग इस बात को भी कहते हुए देखे जा रहे है कि उनका तिलिस्म फीका पड़ चुका है और इसीलिए उन्होने प्रदेश स्तर पर अपने उम्मीदवारो को उतारने का फैसला टाल दिया है।

संसदीय चुनाव से पहले शिवपाल ने सपा से अलग होकर के जब प्रसपा का गठन किया था तो तब उन्होंने बड़े स्तर पर इस बात का दावा किया था कि उनकी राजनीतिक पार्टी को खासी कामयाबी हासिल होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ना सिर्फ उनके हर उम्मीदवार की जमानत जब्त हुई बल्कि खुद शिवपाल भी फिरोजाबाद के संसदीय चुनाव में अपनी जमानत जब्त करा बैठे। केवल दस सीटो पर जिला पंचायत चुनाव मे उतरने वाले शिवपाल को लेकर सवाल लोग खडे कर रहे है। उनका कहना है कि चाहे विधानसभा चुनाव हो या फिर संसदीय चुनाव हो,यह सब मजबूत संगठन के बल पर ही संभव है लेकिन संसदीय चुनाव मे बुरी तरह से हुई हार के बाद से शिवपाल की प्रतिभा पर सवाल शुरू किये गये है।

शिवपाल ने इटावा मे अपने भतीजे और निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव को समर्थन देते हुए एक बार फिर से जिला पंचायत सीट पर ताजपोशी कराने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि उन्होने भाजपा को रोकने के लिए यह कदम उठाया है।


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Content Writer

Umakant yadav

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