बेरोजगारी का हल तभी निकलेगा, जब पढ़ाई और कमाई साथ-साथ हो: कल्याण सिंह

punjabkesari.in Friday, Nov 13, 2015 - 03:03 PM (IST)

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने रोजगार परक शिक्षा को देश के लिए बेहद जरूरी बताया है। उन्होंने कहा है कि हमारी शिक्षा प्रणाली रोजगारपरक ही नहीं, बल्कि रोजगार सृजक होनी चाहिये। ताकि, पढ़ाई और कमाई साथ-साथ चल सके। अध्ययन और अर्जन साथ-साथ चलेंगे, तभी बेरोजगारी का हल निकलेगा। आगे जोड़ा कि सवा साल में राजस्थान में काफी सुधार हुआ है। पहले तो डिग्री भी नहीं बंटती थीं। अब यह देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां सभी 25 यूनिवर्सिटी में छात्रों से लेकर प्रोफेसर तक की हाजिरी बायोमीट्रिक सिस्टम से लगती है। प्रोफेसर को छह घंटे कैंपस में रहना और छात्र की 75 फीसद हाजिरी भी अनिवार्य है। 
 
दीवाली के मौके पर बुधवार दोपहर पहुंचे राज्यपाल कल्याण सिंह से मिलने वालों की गुरुवार को भी मैरिस रोड स्थित आवास (राज पैलेस) पर भीड़ रही। यह त्योहारी वजह थी या सियासी पर, भीड़ पहले के मुकाबले काफी ज्यादा थी। उन्होंने बरेली, बदायूं से लेकर गोरखपुर-बस्ती तक के नेताओं से आत्मीयता से बात-मुलाकात की। राजस्थान में मन लगने, खुश और नई जिम्मेदारी से संतुष्ट होने की बात भी कही। पत्रकारों के सियासी सवालों पर बोले, बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक उठे हर सवाल का जवाब है मेरे पास, पर संवैधानिक मर्यादा के नाते कुछ न कहूंगा।'' 
 
राजस्थान की शैक्षिक उपलब्धियों पर कहा, पहले वहां डिग्री भी न बंटती थीं। अब हर साल दीक्षांत समारोह होंगे। पांच यूनिवर्सिटी में तो 
नवंबर-दिसंबर में ही जाऊंगा। नए सत्र से सब दुरुस्त। पाठ्यक्रम में संघ के विचारों की झलक के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि सभी वीसी की समन्वय समिति की पांच मई को बैठक ली थी। जनवरी में फिर बुलाया है। एजेंडे में यह मुद्दा नहीं है। राजस्थान में उच्च शिक्षा में नकल रोकने के लिए कल्याण सिंह ने यूपी वाला फार्मूला ही लगाया है। वे बताते हैं, जहां नकल मिली, उसके प्रिंसिपल व दो प्रोफेसर निलंबित कर दिए। यूनिवर्सिटी से संबद्धता खत्म कर दी। रिपोर्ट भी लिखाई। संदेश दे दिया कि नकल पर बच नहीं पाओगे।