बजट को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर बरसे अखिलेश, पूछा- किसानों और युवाओं के लिए क्‍या व्‍यवस्‍था है?

punjabkesari.in Tuesday, Feb 02, 2021 - 09:24 AM (IST)

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र के बजट को दिशाहीन और निराशाजनक करार देते हुए कहा कि गरीबों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों और मध्यम वर्ग के लोगों को राहत के नाम पर कुछ नहीं मिला है, इनके लिए बजट में क्या व्यवस्था है। सपा मुख्‍यालय से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि इस बजट में राष्ट्रीय सम्पत्ति बेचकर सत्ता सुख भोगने का जुगाड़ अवश्य करने की साजिश को परवान चढ़ाया गया है।

उन्‍होंने कहा कि पेपरलेस बजट और डिजिटल जनगणना दिल बहलाने को अच्छा ख्याल है, लाकडाउन में जिनका रोजगार छिना उनके पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं, गांव-गरीब के लिए कुछ भी नहीं है और भाजपा सरकार के निजीकरण से गरीबों, पिछड़ों और दलितों का आरक्षण स्वतः समाप्त हो जाएगा, इस बजट में डबल इंजन की सरकार को भी एक तरह से झटका दिया गया है। यादव ने सवाल उठाया कि क्या इस बजट से 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकेगी? यादव ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने इस बजट के माध्यम से कई राज्यों में होने वाले आगामी चुनावों के लिए थोथे वादों का पिटारा खोला है और कॉरपोरेट घरानों को देश-प्रदेश का भाग्य नियंता बनाया गया है।

पूर्व मुख्‍यमंत्री ने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा की केन्द्र सरकार ने राष्ट्रीय संपत्तियों को बड़े पूंजीघरानों के हाथों में बंधक रखने के साथ उनकी खुशहाली के सभी संभव रास्ते खोलने का संकल्प लिया है। यादव ने कहा कि किसानों से तो भाजपा का बैर भाव पुराना है और भाजपा सरकार के बजट में उनकी कोई चर्चा नहीं, उनकी मांगों पर कुछ नहीं कहा, यह भाजपा की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। उन्‍होंने कहा कि भाजपा सरकार से बजट में राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द, किसान-मजदूर के सम्मान, महिला युवा के मान और अभिव्यक्ति की पुनर्स्थापना के लिए कुछ प्रावधान किए जाने की अपेक्षा थी किंतु भाजपा ने अपनी कुनीतियों से इन सबको खण्डित करने का काम किया है।


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