अनूठी मिसालः शिक्षकों ने अपनी तनख्वाह से बदल दी सरकारी स्कूल की सूरत

punjabkesari.in Monday, Mar 02, 2020 - 02:00 PM (IST)

कन्नौजः उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों की बदतर स्थिति किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में कन्नौज के महसोनपुर प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक वैभव राजपूत व उनके स्कूल में पढ़ाने वाली महिला शिक्षकों ने अनूठी मिसाल पेश की है। जहां खंडहर में तब्दील स्कूल को शिक्षकों ने सरकारी मदद को दरकिनार करते हुए अपनी  तनख्वाह से पैसे निकालकर स्कूल की सूरत ही बदल दी।

स्कूल में है लायब्रेरी और कम्प्यूटर 
स्कूल में सुरक्षा के लिए 8 CCTV कैमरे लगे हुए हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए लायब्रेरी और कम्प्यूटर का भी ज्ञान सिखाया जाता है। इतना ही नहीं बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहे इसके लिए स्कूल परिसर में ही बागवानी की गयी है यहाँ से ताज़ी सब्जियों को तोड़कर बच्चों के लिए मिड-डे-मील का खाना बनाया जाता है। खेल का मैदान निर्माणधीन है। एक छोटा से पार्क बना हुआ है जिसमें बच्चों के खेलने के संसाधन भी लगे हुए है।

इंग्लिश में बात करते हैं बच्चे
स्कूल के शिक्षक CAA के बारे में बच्चों को जानकारी देते है।  बच्चे भी पढ़ाई में निपुण हैं। कक्षा 1 में पढ़ने वाले बच्चों को देश के राज्यों की राजधानी के नाम मालूम हैं तो 20 तक पहाड़ो को फर्राटे से सुनाते है। बच्चे इंग्लिश में बात करते हैं और इंग्लिश की किताबों को भी बिना रुके पढ़ते है। इन शिक्षकों की कड़ी मेहनत और लगन से दूर दराज में रहने वाले लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से हटाकर इस सरकारी स्कूल में दाखिला दिला रहे हैं।

स्कूल में बढ़ती जा रही है बच्चों की संख्या
प्रधानाध्यापक वैभव राजपूत ने बताया 2013 में जब वह महसोनापुर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाने के लिए आया तो स्कूल बहुत जर्जर था बच्चे बहुत कम पढ़ने आते थे। उन्होंने स्कूल को अपना घर व बच्चों को अपने बच्चे समझकर स्कूल का पहले कायाकल्प किया। फिर गांव-गांव जाकर बच्चों को स्कूल में प्रवेश लेने के लिए मोटिवेट किया। उन्होंने बताया कि आज उनके स्कूल में बच्चों की संख्या 150 के आसपास पहुंच गई है।

स्कूल की सहायक महिला शिक्षक सोनल वैद्य ने बताया कि वर्तमान में CAA को लेकर भ्रम फैला हुआ है इस भ्रम को दूर करने के लिए वह बच्चों को इस कानून के बारे में बताते हैं। बच्चे इसको अपने माता-पिता और गांव में बताते है। उन्होंने बताया कि स्कूल में बच्चों की संख्या बहुत कम हुआ करती थी लेकिन स्कूल की कायाकल्प हो जाने के बाद बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है।

समय से मिलता है भोजन,फल व दूध
एक छात्र अंकित ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई अच्छी होती है समय से भोजन, दूध और फल मिलता है। योग सिखाया जाता है। बच्चों ने बताया कि टीचर उनको CAA के बारे में बताते है।

DM राकेश कुमार मिश्रा ने स्कूल के परिवेश की जमकर सराहना की शिक्षकों को भी सराहा साथ ही बीएसए को स्कूल में दो अतिरिक्त कक्ष बनवाने के निर्देश दिए। इतना ही नहीं स्कूल में अधूरे पड़े मॉडल शौचालय को शीघ्र पूर्ण करवाने को कहा। 

 

 

 

Tamanna Bhardwaj