वर्षों पुरानी परंपरा को साकार करते मथुरा में मनाई गई अनोखी होली, आग से निकला पंडा

punjabkesari.in Friday, Mar 22, 2019 - 03:21 PM (IST)

मथुराः मथुरा के गांव फालैन में गुरुवार को सुबह 4:00 बजे वर्षों पुरानी परंपरा को साकार करते हुए अनोखी होली मनाई गई। बाबूलाल पंडा 30 फुट ऊंची धधकती आग की लपटों के बीच से निकला। यह अद्भुत नजारा देखने को श्रद्धालुओं और आसपास के लोगों का विशाल हुजूम उमड़ा।

बाबूलाल पंडा दोपहर 2 बजे स्नान आदि से निवृत्त होकर होलिका का पूजन करने के बाद घी का दीपक जलाकर प्रहलाद मंदिर पर जप पर बैठ गए। मंदिर के बाहर पास के पांचों गावों के श्रद्धालु धमार गायन कर पंडा का उत्साहवर्धन करते रहे। बाबूलाल पंडा कुछ समय के अंतराल पर दीपक की जलती लौ पर हथेली का स्पर्श करता रहा। इसके बाद भक्त प्रह्लाद की माला से जप करने लगा।श्रद्धालु शाम 5 बजे से ही आने लगे। शाम ढलते ही नगाड़ों, ढोलक, मजीरा और खड़ताल आदि का वादन और फाग गायन का दौर शुरू हो गया। दीपक की लौ ने शीतलता धारण की, तब पंडा ने होली प्रज्ज्वलित करने का संकेत दिया।

इसके बाद मेला पुरोहित भगवान सहाय ने अग्नि जलाई। तय मुहूर्त पर पंडा मंदिर से निकलकर प्रह्लाद कुंड में स्नान करने पहुंचा तथा उसकी बहन प्रह्लाद कुंड की घट्टी पर दूध, गंगाजल पंचामृत का लोटा लेकर खड़ी हुई। पंडा प्रह्लाद कुंड से दौड़ता हुआ अग्नि के समक्ष पहुंचा तो उसकी बहन ने अग्नि में गंगाजल के छींटे डालकर शीतलता बनाए रखने की प्रार्थना की। इसके साथ ही बाबूलाल पंडा बदन पर मात्र एक लंगोटी व हाथ में माला लेकर जप करता हुआ अग्नि में प्रवेश कर देखते-देखते उस पार पहुंच गया।

यह रोमांचक नजारा देखने वाले धन्य हो गए। पूरा माहौल भक्त प्रह्लाद के जयकारे से गूंज उठा। धमार गायन फालैन, सुपाना, राजागढ़ी, वरचावली व नगला के लोगों ने आकर होलिका की पूजा की। अपने गांव में निकलने वाले पंडा के सामने रौद्र रूप धारण न करने की प्रार्थना की।
 

Tamanna Bhardwaj