उन्नाव मामला: CBI ने जांच की जिम्मेदारी संभाली, विपक्ष ने सरकार को घेरा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2019 - 09:23 AM (IST)

 

नयी दिल्ली / लखनऊ: केंद्र सरकार ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की सड़क दुर्घटना की जांच मंगलवार को सीबीआई को सौंप दी। रविवार को हुई इस दुर्घटना के मामले पर विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ भाजपा की आलोचना करते हुए उसे अपने विधायक को संरक्षण नहीं देने की अपील की। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के एक आदेश में कहा गया है कि दुर्घटना के लिए ‘उकसाने और इसकी साजिश' की जांच को लेकर यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है। 

उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार ने रायबरेली में हुए इस हादसे की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की सोमवार देर रात सिफारिश की थी। कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने का मुद्दा लोकसभा में भी उठाया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बसपा और द्रमुक ने सदन से वाकआउट किया। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने दो बार वाकआउट किया। इस मुद्दे पर 30 से ज्यादा सदस्यों ने सदन में अध्यक्ष के आसन के पास जाकर ‘हमें चाहिए न्याय' के नारे लगाये। उनमें अधिकतर कांग्रेस के सांसद थे। कांग्रेस, सपा, बसपा ने इस विषय पर संसद के बाहर भी भाजपा को घेरने की कोशिश की और आरोप लगाया कि भाजपा अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को ‘‘संरक्षण'' दे रही है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ईश्वर के लिए, प्रधानमंत्री जी, इस अपराधी और उसके भाई को आपकी पार्टी से मिल रही राजनीतिक शक्ति छीनी जाए। अब भी बहुत देर नहीं हुई है।'' उन्होंने पूछा, ‘‘कुलदीप सेंगर जैसे लोगों को हम राजनीतिक सत्ता की ताकत और संरक्षण क्यों देते हैं और पीड़िता को अपनी जिंदगी के लिए लड़ने में अकेले क्यों छोड़ देते हैं? '' पीड़िता के कार दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी होने से कुछ दिन पहले ही उसके परिजनों ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखकर इस मामले के आरोपियों द्वारा कथित रूप से धमकी दिये जाने और उनसे अपनी जान को खतरा होने की आशंका व्यक्त की थी। 

उच्चतम न्यायालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि पीड़िता के परिजनों द्वारा हिन्दी में लिखा गया यह पत्र प्रधान न्यायाधीश के कार्यालय में प्राप्त हुआ था। प्रधान न्यायाधीश ने सेक्रेटरी जनरल को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार कर पेश करने का आदेश दिया है। लखनऊ में केजीएमयू ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों के मुताबिक, 19 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता अभी भी वेंटिलेटर पर है। मंगलवार रात उसकी हालत को ‘स्थिर' बताया गया। वकील भी वेंटिलेटर पर हैं। लखनऊ में, बलात्कार पीड़िता के परिजन दिन में उस अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गये, जहां उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने उनके रिश्तेदार महेश सिंह की जेल से पैरोल की मांग की ताकि वह अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें। बाद में एक अदालत ने बुधवार को अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए उन्हें कुछ समय के लिए जमानत दे दी। 

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार 'लल्लू' के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में धरना देते हुए सेंगर को भाजपा से बर्खास्त करने की मांग की। हालांकि, उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि दुष्कर्म का आरोप लगने के बाद विधायक को निलंबित कर दिया गया था और आज भी यही स्थिति है। रायबरेली में सड़क दुर्घटना में घायल हुई उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश करने के एक दिन बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। इस बीच, बसपा अध्यक्ष मायावती ने 'ट्वीट' कर कहा ''स्थानीय भाजपा सांसद साक्षी महाराज का जेल में बलात्कार के आरोपी भाजपा विधायक से मिलना, यह प्रमाणित करता है कि सामूहिक बलात्कार के आरोपियों को लगातार सत्तारूढ़ भाजपा का संरक्षण मिल रहा है। यह इंसाफ का गला घोंटने जैसा है। 

उच्चतम न्यायालय को इसका संज्ञान जरूर लेना चाहिये।'' सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर पीड़िता का हाल जाना और उसके परिजन से मुलाकात की। उन्होंने दुर्घटना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने अस्पताल जाकर पीड़िता की मां से मुलाकात की। उत्तरप्रदेश पुलिस ने दुर्घटना मामले में सोमवार को सेंगर और नौ अन्य लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। उत्तरप्रदेश के बांगरमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था। 

Ajay kumar