UP: उन्नाव गैंगरेप पीड़िता ने बताई BJP विधायक की बर्बरता, बलात्कार के बाद दिया था बेच

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 08:59 AM (IST)

लखनऊ: उन्नाव गैंगरेप की घटना 4 जून, 2017 को हुई थी। रेप के बारे में पीड़िता ने अपनी चाची को बताया। 17 अगस्त, 2017 को पहली बार पीड़िता ने विभिन्न स्तरों पर शिकायत की। उस शिकायत के आधार पर जिला पुलिस द्वारा जांच की गई। 164 सी.आर.पी.सी. के बयान में विधायक के नाम का जिक्र नहीं था इसलिए विधायक के खिलाफ स्थानीय पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।

बाप की मौत के बाद कोर्ट हुआ सुनवाई को तैयार
पीड़िता के बाप की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट उन्नाव रेप केस मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गया। इस मामले में एक वकील की ओर से याचिका दी गई थी जिसमें उन्होंने मामले की जांच सी.बी.आई. से करवाने और पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया।

दोषी को बचाने में लीपापोती करती रही पुलिस
उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ  पुलिस व सरकार लीपापोती में लगी रहीं लेकिन कोर्ट के दबाव के चलते उसे अंतत: सलाखों के पीछे जाना ही पड़ा। विधायक के खिलाफ रेप सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया लेकिन जब गिरफ्तारी का प्रश्न आया तो योगी सरकार ने साफ कर दिया कि विधायक पर अब सी.बी.आई. ही आगे की कार्रवाई करेगी।

पुलिस ने पुरानी लड़ाई बता टाल दी थी कार्रवाई
आपको बता दें कि गैंगरेप केस में इंसाफ नहीं मिलने से आहत पीड़िता और उसके परिवार वालों ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर खुदकुशी की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस ने इसे पुरानी लड़ाई बताकर मामले को टाल दिया लेकिन कुछ दिनों के भीतर पीड़िता के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई। उनके साथ विधायक समर्थकों ने पिटाई की थी और जबरन कई कागजों पर दस्तखत करवाए थे।

डी.जी.पी. ओ.पी. सिंह ने आरोपी को बोला माननीय
दरअसल, उत्तर प्रदेश के डी.जी.पी. ओ.पी. सिंह ने रेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर को माननीय कहकर संबोधित किया जिस पर सामने बैठे एक पत्रकार ने सवाल उठाए। उसके बाद डी.जी.पी. ने कहा कि आरोपी को इसलिए सम्मान दे रहे हैं क्योंकि वह विधायक हैं। मैं समझता हूं कि वह दोषी करार नहीं दिए गए हैं।

थाने में बेहोश पड़ा है भाई, कभी भी मर सकता है
एक ऑडियो 3-4 अप्रैल का है। इसमें पीड़िता के चाचा की सफीपुर के सी.ओ. कुंवर बहादुर सिंह से कथित बातचीत है। उसमें चाचा सी.ओ. से मदद मांगते हुए कहता है कि उसका भाई बेहोशी की हालत में थाने में पड़ा है। 5 बजे से वह थाने में फोन कर रहा है लेकिन एस.ओ. साहब सुन नहीं रहे हैं। उसका भाई कभी भी मर सकता है। इस पर सी.ओ. उसे आश्वासन देते हैं कि अभी एस.एच.ओ. से बात करता हूं।

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