BJP विधायक को भैया कहकर बुलाती थी पीड़िता, नौकरी देने के बहाने किया था रेप

punjabkesari.in Saturday, Apr 14, 2018 - 03:14 PM (IST)

लखनऊ: उन्नाव रेप केस पीड़िता के परिवार और विधायक के परिवार में एक समय अच्छे रिश्ते थे। माखी गांव में दोनों के घर एक-दूसरे के सामने हैं। पीड़िता ने बताया कि रेप की घटना होने से पहले मैं और मेरे अन्य भाई-बहन विधायक को भैया कह कर बुलाया करते थे। पिछले साल जून में नौकरी देने के बहाने विधायक ने मुझे घर पर बुलाया था। इसी दौरान विधायक ने मेरे साथ रेप किया। रेप के बाद भाजपा विधायक ने धमकी दी कि अगर इस घटना बारे मुंह खोला तो पिता और परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी जाएगी।

धमकी मिलने के बाद मैंने इस घटना बारे किसी को नहीं बताया। कुछ ही दिन बाद उसका अपहरण कर किसी को बेच दिया गया और उन लोगों ने वहां भी मेरे साथ रेप किया। किसी तरह वहां से बच निकलने के बाद मैंने फिर पूरी बात चाची को बताई। पिता की मौत के बाद सुरक्षा के नाम पर मुझे जेल जैसे हालात में रखा गया। जिलाधिकारी ने मुझे होटल के एक कमरे में कैद कर दिया। होटल के कर्मियों ने यहां तक कि हमें पानी और भोजन नहीं दिया। हमें बाहर भी नहीं जाने दिया गया। योगी जी ने उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त करने का वायदा किया था लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं हुआ। वह केवल बयान देते हैं। क्या यही योगी जी का न्याय है। न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लेंगे। अभी भी मुझ पर बहुत से सवाल उठाए जा रहे हैं, यहां तक कि मेरे पिता की हत्या के बाद भी। मुझे न्याय कैसे मिलेगा? अब मुझे अपने चाचा की जान को लेकर भी डर लग रहा है।

विधायक दादी को कहता था अंडा फ्राई खिलाओ
हमारे बड़े पापा उनके साथ आते थे। कभी-कभी वह घर आते थे और दादी से कहते थे कि अंडा फ्राई करके खिलाओ, तो दादी उन्हें बनाकर खिलाती थी। पीड़िता ने बताया कि दिल्ली में पहली बार मैंने अपनी चाची को इस घटना बारे बताया जिसके बाद उन्होंने चाचा को जानकारी दी।

योगी से भी लगाई थी गुहार
पीड़िता ने आगे बताया कि 17 अगस्त, 2017 को मैं और चाचा लखनऊ गए और वहां सी.एम. योगी आदित्यनाथ के घर पर अपनी दख्र्वास्त दी। उन्होंने हमारी दख्र्वास्त किसी और व्यक्ति को सौंप दी और कुछ नहीं हुआ। पीड़िता ने बताया कि जब सी.एम. से निजी तौर पर मिलने से भी कुछ नहीं हुआ तो उसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और यू.पी. के डी.जी.पी. को चिट्ठी लिखकर मदद मांगी।

समय पर कार्रवाई होती तो मेरा भाई जिंदा होता
वहीं पीड़िता के चाचा ने गिरफ्तारी पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि हां हमें खुशी है कि कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ  केस दर्ज कर लिया गया है। यदि पहले ही यह कार्रवाई हो जाती तो आज मेरा भाई जिंदा होता।

पुलिस बोली, हम दिखवाते हैं परिवार को
एक ऑडियो के मुताबिक 6 अप्रैल को पीड़िता के चाचा ने एस.पी. उन्नाव के ऑफिस में फोन किया। वहां फोन उठाने वाले ने पूरा मामला पूछा। उसने बताया कि उसकी भाभी और बच्चे 4-5 अप्रैल की रात से लापता हैं। पीड़िता के चाचा ने आशंका जताई कि विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उन्हें कहीं छिपा दिया है। इस पर फोन उठाने वाले ने कहा कि हम आपके परिवार को अभी दिखवाते हैं।

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