यूपीः यहां बापू के चरखे से आज भी 265 घरों में जल रहा ''चूल्हा''

punjabkesari.in Sunday, Sep 03, 2017 - 12:19 PM (IST)

भदोहीः आजादी की लड़ाई में जिस चरखे ने देश में स्वदेशी भावना जागृत की, उसी चरखे से भदोही की कालीन नगरी के 265 घरों में चूल्हा आज भी जल रहा है। दरअसल कालीन नगरी में 7 सालों तक बंद रहे कंबल कारखाना के चालू होते ही 265 लोगों को रोजगार मिला है। इसमें 210 महिलाएं शामिल हैं।

मखमली गलीचों की नगरी भदोही के गोपीगंज स्थित कंबल कारखाना पिछले सात वर्षों से बंद चल रहा था। पूर्व मायावती सरकार के शासनकाल में बंद इस कारखाने को चालू कराने की दिशा में मायावती की सरकार के बाद आई अखिलेश यादव सरकार ने पहल तो की थी लेकिन गंभीरता से कदम नहीं उठाए जाने से यह कारखाना सूबे के अन्य 8 कारखानों के साथ ही बंद पड़ा रहा।

राज्य में बीजेपी सरकार ने भी इस कारखाने को चलाने के लिए एक बार फिर से प्रयास किया जो सफल रहा। 25 अगस्त को इस कारखाने को योगी सरकार के खादी ग्रामोद्योग, रेशम और हथकरघा मंत्री सत्यदेव पचौरी ने फीता काट कर चालू किया था। जिससे यहां के लोगों को सरकार के इस कदम के बाद रोजगार मिला।

कालीन नगरी की कुल आबादी का एक बड़ा हिस्सा जहां बुनकर वर्ग है, वहीं, बड़ी तादात में बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के भी बुनकर अपने परिवार के साथ यहां गुजर बसर करते हैं। इन सभी के सामने कालीन उद्योग में मंदी के कारण रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी थी। कंबल कारखाना चालू होने के बाद कुल 265 लोगों को रोजगार मिला है, जिसमें 210 महिलाएं शामिल हैं।

जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी जवाहरलाल ने बताया कि कंबल कारखाने में नए कंबलों के निर्माण के लिए करीब 35 लाख के धनराशि की डिमांड की गयी है। यहां काम करने वाली महिलाएं बुनकरों के परिवारों से है वो पहले काम करती थीं। ये महिलाएं जौहरपुर गहरपुर और गेराई आदि गांवों की हैं। अभी और महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जाएगा।