यूपी: कानपुर समेत कई जिलों के एंबुलेंस चालकों की हड़ताल, मरीजों को हो रही भारी परेशानी
punjabkesari.in Monday, Sep 23, 2019 - 10:33 AM (IST)
लखनऊ: वेतन समेत 7 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के कई जिलों के एंबुलेंस चालकों ने हड़ताल कर दी है। जिसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि सिद्धार्थनगर, बदायूं, कानपुर, सीतापुर, रायबरेली, हरदोई और संतकबीरनगर में एंबुलेंस सेवाएं पूरी तरह से ठप हैं। हालांकि इस हड़ताल में राजधानी लखनऊ के एंबुलेंस चालक शामिल नहीं हुए हैं।
किसलिए किया हड़ताल
दरअसल जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस सेवा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अजय सिंह अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करने का दबाव बना रहे थे। जिन्हें प्रशासन ने हिरासत में लिया। अजय सिंह को हिरासत में लेने के विरोध में जिले भर के एंबुलेंस चालक हड़ताल पर चले गए और काम ठप कर दिया। डफरिन अस्पताल के बाहर एंबुलेंस खड़ी कर उन्होंने जमकर नारेबाजी की और जिलाध्यक्ष को हिरासत से मुक्त करने की मांग की। जीवीकेईएमआरआइ कंपनी शहर में एंबुलेंस सेवा दे रही है।
8 घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी कराने का आरोप
इसके चालकों का आरोप है कि उनसे आठ घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी कराई जाती है। उन्हें पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिहाड़ी मजदूर की तरह 60 रुपये प्रति केस के हिसाब से भुगतान किया जाता है। वह भी समय से वेतन भी नहीं मिलता है। इसके अलावा निर्धारित वेतन भी 8,900 रुपये की मांग भी लंबे समय से पूरी नहीं की जा रही है। इसको लेकर एंबुलेंस चालक आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने रविवार देर रात 12 बजे से एंबुलेंस सेवा बंद करने की घोषणा की थी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वार्ता भी चल रही थी। बात नहीं बनने पर देर शाम सात बजे आंदोलन को तोडऩे के लिए कोतवाली पुलिस ने अजय सिंह को उर्सला अस्पताल से हिरासत में ले लिया। इसकी जानकारी होते ही जिले भर के एंबुलेंस चालकों ने काम बंद कर दिया और वे वाहन लेकर डफरिन अस्पताल पहुंचने लगे। इसमें बिल्हौर, पतारा, बिधनू, घाटमपुर, भीतरगांव, कल्याणपुर आदि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी एंबुलेंस लेकर चालक पहुंच गए। उन्होंने जमकर नारेबाजी की।