यूपीः इजरायल की मदद से बुझेगी बुन्देलखण्ड की प्यास

punjabkesari.in Thursday, Aug 20, 2020 - 07:01 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में व्याप्त पेयजल संकट की समस्या के समाधान के लिये इजरायल मदद करेगा। इस बारे में गुरूवार को यहां इजरायल के साथ ‘प्लान आफ को-आपरेशन‘ पर हस्ताक्षर किये गये। भारत में इजरायल के राजदूत डॉ रॉन मल्का तथा उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त, आलोक सिन्हा ने इस महत्वाकांक्षी ‘प्लान आफ को-आपरेशन‘ पर हस्ताक्षर किया।  
     


डा मल्का ने दावा किया कि पानी के संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए यह परियोजना बहुत उपयोगी साबित होगी। बुन्देलखण्ड क्षेत्र गर्मियों में पेयजल की समस्या से ग्रसित होता है। राज्य सरकार और इजरायल के सहयोग से इस क्षेत्र को पानी के संकट से उबारने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही सिंचाई एवं पेयजल की समस्या के समाधान में भी मदद मिलेगी।       

उन्होंने कहा कि इजरायल और भारत के सम्बन्ध ऐतिहासिक और मजबूत हैं। इजरायल सरकार भारत को हर सम्भव सहयोग देने के लिए कटिबद्ध है। एएमयू पर हस्ताक्षर के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि बुन्देलखण्ड में जल प्रबन्धन के क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार किये जाने के लिये प्लान आफ को-आपरेशन के द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में इजरायल के सहयोग से ‘इण्डिया-इजरायल-बुन्देलखण्ड वाटर प्रोजेक्ट पर कार्य किया जायेगा। ‘इण्डिया-इजरायल-बुन्देलखण्ड वाटर प्रोजेक्ट‘ को डैन एल्यूफ, काउंसलर एमएएसएचएवी एग्रीकल्चर, इजरायल द्वारा विकसित किया गया है। परियोजना के अन्तर्गत उन्नत कृषि उपायों, इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन के द्वारा क्षेत्र में जल प्रबन्धन कार्य किया जायेगा।



सिन्हा ने बताया कि झांसी में स्थित पहुज डैम के जलाशय को परियोजना के अन्तर्गत सिंचाई के लिये इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन से युक्त किया जायेगा। परियोजना के क्रियान्वयन में आवश्यक सहयोग तथा क्षमता वृद्धि हेतु इजरायल के विशेषज्ञों की सेवाएं भी ली जायेगी, साथ ही साथ नवीनतम सिंचाई तकनीकों को भी परियोजना में समावेशित किया जायेगा। प्रारम्भ में प्लान आफ को-आपरेशन दो वर्षों के लिये हस्ताक्षरित किया जायेगा, जिसको बाद में परियोजना के हित में आवश्यकतानुसार विस्तारित किया जा सकेगा।    
   


कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि इस परियोजना के द्वारा बुन्देलखण्ड एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों में जल की समस्या का समाधान करने में सहायता मिलेगी। उन्होने बताया कि बुन्देलखण्ड की जनता एवं वहां के किसानों के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। श्री सिन्हा ने बताया कि ग्राउण्ड वाटर मैनजमेण्ट, सिंचाई एवं पेयजल के लिए यह परियोजना पूरे भारतवर्ष के लिए एक रोल माडल साबित होगी।



सिन्हा ने बताया कि इजरायल में आज के दिन ‘इंडिया-डे‘ मनाया जाता है, इसलिए आज के दिन इसका महत्व और भी बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। इस परियोजना में देश के 28 जिलों में से दो जिले उत्तर प्रदेश के शामिल किये गये हैं, जिसमें पहले चरण में झांसी जिले के बबीना ब्लॉक के 25 गांवों को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि यह बहुत अच्छी तकनीकी है किसानों को बहुत लाभ मिलेगा तथा ग्रामीणों को भी इसका लाभ लम्बे समय तक मिलता रहेगा।       

प्रमुख सचिव, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि बुन्देलखण्ड कम वर्षा क्षेत्र है, जिससे यहां के किसानों को अत्यन्त परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस परियोजना से वहां के किसानों की इन्टीग्रेटेड ड्रिप इरीगेशन तकनीकी के माध्यम से खेती करायी जाएगी, जिससे किसान लाभान्वित होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा यह अत्यन्त सराहनीय कदम है, जिससे प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र को अत्यधिक लाभ होगा। इस अवसर पर निदेशक, भूगर्भ जल वीके उपाध्याय तथा डैन एल्यूफ, कांउसलर एमएएसएचएवी एग्रीकल्चर, इजरायल उपस्थित रहे।

Ajay kumar