यूपीः 5 साल सजा काटने के बाद साबित हुई दंपत्ति की बेगुनाही, घर पहुंचे तो ऐसा रहा हाल
punjabkesari.in Saturday, Jan 30, 2021 - 05:01 PM (IST)
आगराः गलत करने पर सजा लाजमि है मगर बेगुनाह को दंड की बात कहीं से भी गले नहीं उतरती है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के ताजनगरी आगरा का है। जहां एक बेगुनाह दंपती को हत्या के झूठे इल्जाम में 1 या 2 नहीं बल्किं पांच साल तक जेल की सजा काटनी पड़ी। पांच साल बाद उनकी बेगुनाही साबित हुई। आलम ये रहा कि जब वह अपनी बेटी के पास पहुंचे तो वह भी उन्हें नहीं पहचान सकी।
बता दें कि जब दंपती रिहा होकर बाहर निकला तो बच्चों को ढूंढने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। दंपती किसी तरह बच्चों के पास पहुंचा लेकिन उनकी बेटी उन्हें पहचान तक नहीं सकी। अब इस दंपती के सामने आजीविका और बच्चों के भविष्य को सम्भालने का संकट है। दंपती, शासन और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है। हालांकि अभी तक किसी स्तर से उन्हें मदद का कोई आश्वासन नहीं मिला है।
आगे बता दें कि मामला आगरा के बाह तहसील के जरार क्षेत्र से की है। इस क्षेत्र के रहने वाले योगेंद्र सिंह के पांच साल के मासूम बेटे रंजीत की हत्या हो गई थी। बेटे का शव मिलने पर उन्होंने पड़ोस के सब्जी बेचने वाले नरेंद्र सिंह और उसकी पत्नी नजमा पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगाया था। मामले की विवेचना ब्रह्म सिंह ने की। उन्होंने चार्जशीट दाखिल कर हत्या का इल्जाम नरेंद्र सिंह और नजमा पर लगा दिया। इस दंपती को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए पांच साल तक लम्बी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी। अधिवक्ता वंशो बाबू ने उनका केस लड़ा। बेगुनाही साबित होने और जेल से रिहा होने के बाद उनके बच्चों का कुछ पता नहीं चल रहा था। काफी खोजबीन के बाद उन्हें पता चला कि बच्चे कानपुर बालसुधार गृह में हैं। दंपती कानपुर पहुंचा। काफी जद्दोजहद के बाद उन्हें उनके बच्चे तो मिल गए लेकिन अब वह थाने में जमा अपने कागजात के लिए परेशान हैं।