यूपी चुनाव 2017: पहली सूची जारी होने के बाद BJP में बढ़ा असंतोष

punjabkesari.in Monday, Jan 23, 2017 - 08:50 AM (IST)

नई दिल्ली\लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी में हर स्तर पर बगावत पनप रही है। ऐसे में अमित शाह के लिए बाकी बचे उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देना सिरदर्द बन रहा है। पहले ही जिक्र किया जा चुका है कि गोरखपुर के कद्दावर नेता योगी आदित्यनाथ किस तरह पार्टी से नाराज हैं लेकिन केवल आदित्यनाथ ही खफा नहीं हैं बल्कि कई और बड़े नेता भी नाराज हैं। वरुण गांधी अपने खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से काफी ‘अपसैट’ हैं क्योंकि पार्टी ने उनका बचाव नहीं किया। इस बात की भी शंका है कि उनके खिलाफ वीडियो जारी करने के पीछे पार्टी के ही एक तबके का हाथ हो सकता है। ओ.बी.सी. नेता विनय कटियार भी अपसैट हैं। टिकट वितरण प्रक्रिया के दौरान न तो उनसे सलाह-मशविरा किया गया और न ही उनके वफादारों को अमित शाह ने टिकट दिया। 12 विधायक, जिन्होंने 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीता भी, विरोधी तेवर अख्तियार कर सकते हैं।

मुलायम के खिलाफ खड़े होने को मजबूर थे सिब्बल
कपिल सिब्बल जब समाजवादी पार्टी में छिड़ी साइकिल चुनाव चिन्ह की लड़ाई के दौरान अखिलेश यादव के पक्ष में चुनाव आयोग में पेश हुए तो उनके लिए कई पल ऐसे आए जो काफी मुश्किल भरे थे। सिब्बल फजीहत का सामना इसलिए कर रहे थे क्योंकि वह उसी मुलायम सिंह यादव के खिलाफ खड़े थे जिनकी बदौलत वह पिछले वर्ष राज्यसभा में पहुंचे थे।

बिना सबूत एस.पी. त्यागी की क्यों हुई गिरफ्तारी
अगस्ता वैस्टलैंड मामले में पूर्व वायुसेना अध्यक्ष एस.पी. त्यागी की गिरफ्तारी से कई लोगों को हैरानी हुई क्योंकि सी. बी.आई. के पास इस बात को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं थे कि त्यागी ने घूस ली। कांग्रेस हलकों में कहा जाता है कि राजनीतिक वजह से त्यागी की गिरफ्तारी हुई। महसूस किया जाता है कि मनमोहन सिंह को चुप करवाने के लिए यह कदम उठाया गया।

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