कांटे के मुकाबले में फंसे BJP के विवादित विधायक संगीत सोम

punjabkesari.in Friday, Jan 20, 2017 - 04:13 PM (IST)

लखनऊ: वेस्ट यू.पी. में भाजपा के विवादित व चर्चित विधायक ठाकुर संगीत सिंह सोम फिर सुर्खियों में हैं। अब उन पर आरोप लगा है कि वे मुजफ्फरनगर दंगे के समय की कुछ विवादित वीडियो अपने प्रचार में प्रयोग कर रहे हैं। उनकी प्रचार टीम के लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज हो चुके हैं लेकिन सोम का कहना है कि समाजवादी पार्टी उनसे परेशान होकर उनके खिलाफ अभियान चला रही है। संगीत का कहना है कि वे कोई पहली बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं और इस तरह से उन्हें दबाया नहीं जा सकता। वे तुष्टीकरण की राजनीति के सामने झुकने वाले नहीं हैं।

संगीत सोम रह चुके हैं सपा के प्रत्याशी
दरअसल संगीत सिंह सोम का रिकार्ड बहुत ही दिलचस्प रहा है। कभी संगीत सोम खुद सपा के प्रत्याशी रह चुके हैं। 2009 में वे मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लड़े थे और हारे थे। इसके बाद वह भाजपा में शामिल हो गए और 2012 में सरधना (मेरठ) विधानसभा सीट से विधायक चुन लिए गए। 2013 में वह सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने फेसबुक पेज पर उस विवादित वीडियो को शेयर कर दिया जिसमें कवाल (मुजफ्फरनगर) में हुई दो हिंदू युवकों की हत्या को कथित तौर पर निर्मम रूप से दिखाया गया था।

संगीत सोम ने बनाया फेसबुक वैरीफाइड एकाऊंट
हालांकि बाद में यह वीडियो फेक साबित हुआ और संगीत सोम ने भी यह कह दिया कि वह फेसबुक पेज भी उनका नहीं है। अब उन्होंने अपना फेसबुक वैरीफाइड एकाऊंट बनवा लिया है। वैसे मुजफ्फरनगर दंगे के समय सोम के खिलाफ भी भड़काऊ भाषण देने का मुकद्दमा दर्ज हुआ था और इस मामले में उनके व कुछ और भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए एस.आई.टी. को सरकार की हरी झंडी का इंतजार है। बाद में संगीत सोम गाजियाबाद के दादरी कांड के समय भी खबरों में रहे थे।

एक बार फिर विवादों में घिरे संगीत सोम
बहरहाल वर्तमान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होते ही एक बार फिर संगीत सोम विवादों में घिर गए हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि सरधना सीट पर उन्हें इस बार बहुत ही कड़े चुनाव का सामना करना पड़ रहा है। वे बहुत कठिन त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए हैं। सपा ने अतुल प्रधान और बसपा ने हाफिज इमरान कुरैशी को टिकट दिया है। इमरान कुरैशी दलित व मुस्लिम मतों के दम पर मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं और इसलिए संगीत सोम मतों का ध्रुवीकरण करने के लिए इस तरह के हथकंडे आजमा रहे हैं। उन्हें लगता है कि यदि वे हिंदूवादी एजैंडे पर लड़े तो हिंदू मतों का रुझान एकतरफा उनकी ओर हो सकता है। अगर हिंदू मत सपा व भाजपा प्रत्याशी के बीच बंटते हैं तो कुरैशी की जीत पक्की है।

बहू-बेटियों की इज्जत के लिए लड़ रहे-संगीत सोम
संगीत सोम चाहते हैं कि किसी तरह उनकी कट्टर हिंदूवादी छवि बने और चुनाव का रुख उनकी ओर मुड़े। सोम के भाषण भी कुछ इसी दिशा में नजर आते हैं। सोम का कहना है कि वह बहू-बेटियों की इज्जत के लिए लड़ रहे हैं। बहरहाल कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनका यह मानना है कि सोम को ऐसा करने की जरूरत ही नहीं है क्योंकि भाजपा वैसे ही मजबूत स्थिति में है और संगीत जैसे नेताओं की हरकतों से मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण भी हो सकता है। ऐसा हुआ तो भाजपा का नुक्सान तय है।

संगीत के सुर
-हां, मैं मुजफ्फरनगर (दंगा) के लिए लड़ा। बहू-बेटी की इज्जत के लिए सीना ठोककर लड़ा हूं।
-कुछ लोगों को मैं बर्दाश्त नहीं हो रहा हूं और वे मुझे जेल में बंद करना चाहते हैं।
-887 लड़के (दंगे के समय से) बेकसूर जेलों में बंद हैं। भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें छुड़ाया जाएगा।
-कैराना से हिंदू परिवारों का पलायन कोई छोटा मसला नहीं है। पलायन कर गए लोगों को वापस बसाना है।
-कैराना बड़ा मामला है और हम चुनाव में इसे जोर-शोर से उठाएंगे।
-पिछली बार याकूब कुरैशी (रालोद प्रत्याशी) को 12 हजार वोटों से हराया था इस बार उनके बेटे इमरान (बसपा प्रत्याशी) को 50000 वोटों से हराऊंगा।

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