UP Election 2022: मायावती का विपक्ष पर हमला, बोलीं- BJP ‘पूंजीपति’ तो सपा ‘अपराधियों’ की समर्थक
punjabkesari.in Tuesday, Feb 15, 2022 - 11:14 AM (IST)
उरई: पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोमवार को कहा कि उनकी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) राज्य में वर्ष 2007 की तरह सुशासन के 'अच्छे दिन' वापस लाने के लिए पूरी ताकत के साथ उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ रही है। जालौन जिले के उरई में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख ने भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा और इन दलों के राज्य में शासन के दौरान रही ‘कमियों' का उल्लेख किया। तीसरे चरण के दौरान 20 फरवरी को जालौन जिले की सीटों पर मतदान होना है।
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Koo AppToday, addressing the election public meeting organized in #मैनपुरी and #कानपुर under the aegis of Bahujan Samaj Party, I will appeal votes for the energetic candidates of my party and will be present among you. Every polling booth has to be won. Bringing BSP to power. #5th_Time_BSP #भाईचाराबढ़ानाहैबसपाकोलानाहै #सर्वजनहितायसर्वजनसुखाय #जयभीम #जयभारत #Mayawati #Mainpuri #Kanpur - Satish Chandra Misra (@satishmisrabsp) 15 Feb 2022
मायावती ने कांग्रेस को ''घोर जातिवादी'' जबकि भाजपा को ''पूंजीपति समर्थक'' करार दिया और आरोप लगाया कि सपा ने अपने कार्यकाल के दौरान अपराधियों को खुली छूट दी। मायावती ने कहा, ''हमारी पार्टी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत और तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही ताकि राज्य में बसपा शासनकाल के दौरान रहे अच्छे दिन वापस लौट सकें।'' गौरतलब है कि 'अच्छे दिन' का नारा आमतौर पर भाजपा से जुड़ा है, जिसने 2014 के आम चुनावों में प्रचार के दौरान इसका भरपूर उपयोग किया था। बसपा प्रमुख ने कहा कि पूर्व की तरह इस बार भी उनकी पार्टी ने क्षेत्र में आबादी के प्रतिनिधित्व के आधार पर उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
उन्होंने कहा, ''आप सभी को समझना होगा कि कांग्रेस, भाजपा, सपा या अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों के बजाय क्यों आप सभी का बसपा को वोट देना जरूरी है, जिसने आपके कल्याण के लिए कार्य किया। आजादी के बाद से, कांग्रेस की केंद्र और राज्य में लंबे समय तक सरकार रही लेकिन उसे गलत नीतियों और कार्यशैली के चलते सत्ता से उखाड़ फेंका गया।'' उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने सपा पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य में सपा के शासनकाल के दौरान आपराधिक तत्वों, गुंडों और माफिया को खुली छूट थी। मायावती ने आरोप लगाया कि भाजपा भी जातिवादी होने के साथ ही पूंजीपतियों की समर्थक रही और उसने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ''संकीर्ण विचारधारा'' को लागू करने का काम किया।