UP Election 2022: पूर्वांचल में BJP के जातिगत समीकरण को बिगाड़ने की जुगत में लगी सपा, शिवपुर सीट दोनों दलों के लिए महत्वपूर्ण

punjabkesari.in Thursday, Feb 24, 2022 - 08:48 PM (IST)

शिवपुर/गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र यानी पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी (सपा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मजबूत सामाजिक समीकरण को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है, जबकि सत्तारूढ़ दल अपने जातिगत समीकरण को नुकसान पहुंचने से बचाने के पूरे प्रयास कर रहा है। भाजपा की सहयोगी रहने के बाद अब सपा के साथ आई ओम प्रकाश राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अपने समुदाय के मतों का एक बड़ा हिस्सा खींच सकती है, वहीं मौर्य-कुशवाहा मतदाताओं का वर्ग 2014 से हर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को मजबूत समर्थन देने के बावजूद उसकी ओर पर्याप्त ध्यान नहीं दिए जाने की शिकायत कर रहा है।

शिवपुर सीट भाजपा और सपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां 2017 में 54,000 से अधिक मतों से जीतने वाले उत्तर प्रदेश के मंत्री एवं भाजपा उम्मीदवार अनिल राजभर के सामने सपा ने सुभासपा की ओर से ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को खड़ा करके मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। संदहा गांव में सुभासपा और भाजपा दोनों दलों के झंडे कुछ राजभर परिवारों के घर के ऊपर लहरा रहा है। गांव के राम निवास राजभर कोरोना वायरस के दौरान उनके परिवार को मुफ्त राशन सुनिश्चित करने के लिए सत्तारूढ़ दल की सराहना करते हैं, तो उनके रिश्तेदार अरविंद राजभर क्षेत्रीय दल का जिक्र करते हुए‘‘बिरादरी के नेता'' अरविंद का समर्थन कर रहे हैं। इस परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘हमारे मत हर जगह बंटे हुए है। कई भाजपा का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन कौन सी जाति अपने नेताओं का समर्थन नहीं करती?''

भाजपा ने जहूराबाद से सुभासपा प्रमुख के खिलाफ कालिचरण राजभर को खड़ा किया है। भाजपा सहयोगी के तौर पर ओम प्रकाश राजभर ने 2017 में कालिचरण राजभर को हराया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कई स्थानों पर उन जातियों के उम्मीदवारों को खड़ा किया है, जिन्हें पार्टी के पारंपरिक समर्थक नहीं समझा जाता है, ताकि उसे मुसलमानों और यादव समर्थकों के अलावा अन्य जातियों का समर्थन हासिल हो सके। सपा ने गाजीपुर सदर सीट से जय किशन साहू को भाजपा की संगीता बलवंत के खिलाफ टिकट दिया है। सुभासपा के अलावा भाजपा सहयोगी ‘अपना दल' एवं निषाद पार्टी पूर्वांचल में मजबूत हो रही हैं, लेकिन कुछ अन्य पिछड़ा वर्गों को लग रहा है कि उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

मनोज मौर्य और नेमचंद मौर्य अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता हैं, लेकिन दोनों की समान शिकायत है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की कथित तौर पर अनदेखी की गई है और भाजपा को लगातार समर्थन देने के बावजूद उनके समुदाय पर ध्यान नहीं दिया गया। नुकसान की भरपाई करते हुए भाजपा ने हाल में बसपा के सुजीत कुमार मौर्य सहित कई स्थानीय प्रभावशाली नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया। ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा को ऊंची समझी जाने वाली जातियों और कुर्मी जैसी ओबीसी जातियों का समर्थन प्राप्त है और सपा के पास मुसलमान और यादव समुदाय का समर्थन है।

ऐसे में शेष बची जातियां इन चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाएंगी। नैसारा गांव के राम सागर प्रजापति ने भाजपा के कार्यकाल में तीन मुख्य समस्याओं के रूप में ‘‘बेरोजगारी, महंगाई और आवारा मवेशियों'' का जिक्र किया, लेकिन साथ ही कहा, ‘‘सपा के कार्यकाल में हमें दिन और रात में छह-छह घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिलती थी। चीजें अब बहुत बेहतर हैं और सड़कों पर पहले से सुरक्षित माहौल है।'' प्रजापति की बात को राकेश सिंह यादव और उनके साथियों ने ध्यान से सुना, लेकिन दावा किया कि अखिलेश यादव भाजपा को हरा, देंगे क्योंकि लोगों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पूर्वांचल में अंतिम दो चरणों में तीन मार्च और सात मार्च को मतदान होगा।


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Content Writer

Mamta Yadav

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