यूपी निकाय चुनाव को लेकर भाजपा-बसपा में आपसी विद्रोह चरम सीमा पर

punjabkesari.in Tuesday, Nov 07, 2017 - 05:21 PM (IST)

फर्रुखाबादः यूपी में हाे रहे निकाय चुनाव के लिए गहगमागहमी चरम पर है। पहले चरण के मतदान के लिए मंगलवार का दिन नामांकन के लिए आखिरी दिन था।जिसको लेकर कलेक्ट्रेट में काफी भीड़ दिखाई दे रही थी। भाजपा ने सदर नगर पालिका से मिथलेश अग्रवाल को अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं जिन लाेगाें काे पार्टी की तरफ से टिकट नहीं मिला उन्हाेंने फेसबुक से लेकर हर जगह विरोध शुरू कर दिया है।

विकास के लिए उतरे चुनाव मैदान में 
उसी के चलते सदर विधायक मेजर सुनील दत्त द्विवेदी के भाई सुधांशू दत्त द्विवेदी ने आज भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ अपना पर्चा दाखिल कर दिया है। कहा कि हम अपने शहर की जनता के विकास के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। 

एससी सीट नहीं होगी तो कभी नहीं लड़ेगें चुनाव
उसी प्रकार से बसपा प्रत्याशी वत्सला अग्रवाल के खिलाफ पूर्व बसपा जिलाध्यक्ष अजय भारती ने अपना पर्चा दाखिल किया है। साथ में यह भी कहा कि अगर सदर नगर पालिका में कभी एससी सीट नहीं होगी तो हम लोग जीवन में कभी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। हमारे समाज का कोई भी इस नगर पालिका की सीट पर नहीं बैठा, इसलिए हम अपने समाज के उस्थान के लिए चुनाव मैदान में कूदे हैं। 

जीते या नहीं खराब कर सकते हैं चुनाव 
वहीं काग्रेस ने सदर नगर पालिका के लिए पूर्व सपा नेता अहमद अंसारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। काग्रेंस के सभी पदाधिकारियों के साथ पर्चा दाखिल किया है। चुनाव जीते या नहीं सभी का चुनाव तो खराब कर सकते हैं। सबसे दिलचस्प बात यह कि जिस समय काग्रेस प्रत्याशी अपना पर्चा दाखिल कर रहे थे तो उनके साथ में सपा व बसपा के दर्जनों कार्यकर्ता उनके साथ में मौजूद थे।

कांग्रेस के पास जीएसटी ही एक मुद्दा
वहीं सुधांशू दत्त द्विवेदी का कहना है कि काग्रेंस के पास कोई चुनावी मुद्दा नही केवल जीएसटी ही एक मुद्दा है। इसके साथ ही कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के लिए मानों नगर निकाय चुनाव नहीं जैसे लोकसभा का चुनाव हो रहे हो, क्योंकि जब काग्रेंस उम्मीदवार से चुनावी मुद्दे के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यदि हम चुनाव जीत जाते है तो सबसे पहले जीएसटी को खत्म कर देंगे जैसे काग्रेंस से चुनाव जीत लेने के बाद देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

भाजपा बसपा में विद्रोह क्यों?
इसी संदर्भ में जब हाजी अहमद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भाजपा बसपा में विद्रोह क्यों हो रहा है। भाजपा में लगभग 15 लोगों ने सदर नगर पालिका के लिए अध्यक्ष पद के लिए आवेदन किए थे। लोगों ने पहले ही अपनी-अपनी होडिंगे शहर में हर जगह पर लगवा दी थी, लेकिन टिकट पूर्व कायमगंज चेयरमैन मिथलेश अग्रवाल को भाजपा द्वारा दी गई। जिससे नाराज होकर वह विद्रोह कर अपना नामांकन करा रहे हैं।

हर-जनो की पार्टी होने के बाद भी दी सवर्ण को टिकट
उधर बसपा में मुख्य कारण बसपा हर-जनो की पार्टी होने के बाबजूद सवर्ण को टिकट दे दिया है। दूसरी तरफ कोई भी हर-जनो की बात नही करता है। उन्होंने कहा कि आगे यह देखना होगा कि जितने भी लोग विद्रोह करके चुनाव मैदान में उतरे हैं। वो लोग आगे चलकर क्या करते हैं या फिर अपनी सुविधा शुल्क लेकर अपना-अपना पर्चा वापस ले लेगें। उनका कहना है कि शायद इसी कारण इन लोगों ने अपना-अपना पर्चा दाखिल किया है।