UP के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने GST को बताया आर्थिक सुधार की दिशा में क्रान्तिकारी

punjabkesari.in Monday, Jul 02, 2018 - 11:50 AM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने सेवा एवं वस्तु कर (जीएसटी) को आर्थिक सुधार की दिशा में क्रान्तिकारी कदम बताया है। अग्रवाल ने रविवार को जीएसटी दिवस के प्रथम स्थापना दिवस पर आमजन, व्यापारियों, उद्यमियों, एडवोकेट, चार्टर एकाउन्टेंट आदि को बधाई व शुभकामनाएं देते हुये कहा कि जीएसटी आर्थिक सुधार की दिशा में क्रान्तिकारी कदम है। इसका उद्देश्य व्यापारियों का दोहन रोकने व पूरी पारदर्शिता के साथ आम जन को हर वस्तु सही दाम पर उपलब्ध कराना है।  

वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र एक टैक्स है। खाद्यान पर कोई टैक्स नहीं। पं. दीन दयाल उपाध्याय की विचारधारा पर समाज के अन्तिम पायदान के व्यक्ति को सहायता करना है। आज भारत का नाम विश्व में आदर से लिया जाता है। विदेशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बात करने के इच्छुक रहते हैं।  उन्होंने कहा कि जीएसटी में टेक्नोलॉजी का प्रयोग हुआ, पारदर्शिता है तथा सारी सुविधायें घर बैठे उपलब्ध है। उपभोक्ता व व्यापारी दोनों का हित कैसे हो यह बड़ा कार्य भारत में हुआ है। इससे विभागीय अधिकारियों, एडवोकेट, चार्टर एकाउन्टेंट, व्यापारियों सभी का सम्मिलित सहयोग रहा। जीएसटी में जरुरत के अनुसार 300 से ज्यादा संशोधन किए गए। इससे भ्रष्टाचार रुकेगा तथा व्यापारी के माल की सुरक्षा होगी।   

अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा कंज्यूमर राज्य है। पिछले साल छह लाख 59 हजार नए व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन हुआ। जीएसटी से प्रदेश में 13.32 प्रतिशत टैक्स बढ़ा है। अभी बहुत संभावनायें है। रिटर्न फाइलिंग सरल हुआ है। 1.5 करोड़ रुपए के टर्न ओवर के लिए समाधन योजना लागू हुई जिससे प्रदेश में तीन लाख 46 हजार व्यापारियों ने स्वीकार कर लाभ उठाया।  वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्येक वाणिज्य कर कार्यालय में हेल्पडेस्क की स्थापना की गई है, जीएसटी की जानकारी देने के लिए व्यापारियों के साथ 5000 से अधिक कार्यशालायें हुई। ईवे बिल लागू हुआ जिससे करप्शन रुका व पारदर्शिता आई। पचास हजार रुपये तक में ईवे बिल की जरुरत नहीं। 

अभी छोटे व्यापारियों के रिटर्न कम दाखिल हो रहे इसके लिए वाणिज्य कर विभाग आपके द्वार योजना 01 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगी। इससे वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी व्यापारियों के पास जाकर उन्हें रिटर्न दाखिल की जानकारी व उनकी दिक्कतों को दूर करने की कार्रवाई करेंगे ताकि सरलता से व्यापारी रिटर्न दाखिल करें।   श्री अग्रवाल ने कहा कि व्यापारियों से संवाद का सिलसिला चलता रहेगा। उन्हें आने वाली दिक्कतों को दूर किया जाएगा। उनके सुझावों का संज्ञान लिया जाएगा। उपभोक्ता व व्यापारी हित के कदम उठाये जाएंगे। 
 
 

Ruby