UP सरकार ने अभी तक नहीं हटाए पोस्टर, रिपोर्ट देेने के लिए हाईकोर्ट ने दिया था आज का दिन

punjabkesari.in Monday, Mar 16, 2020 - 12:23 PM (IST)

प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को 16 मार्च तक सभी आरोपियों के पोस्टर हटाने के निर्देश दिए थे। साथ ही सोमवार को इसकी रिपोर्ट सौंपने को कहा था, लेकिन योगी सरकार ने आरोपियों के पोस्टर नहीं हैं। माना जा रहा है कि, सरकार हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट में चल रही एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) का हवाला दे सकती है। सरकार की तरफ से इसके लिए और वक्त मांगा जाएगा।

बीते 8 मार्च को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने कहा था कि यूपी सरकार हमें यह बता पाने में नाकाम रही कि चंद आरोपियों के पोस्टर ही क्यों लगाए गए, जबकि यूपी में लाखों लोग गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। बेंच ने कहा कि चुनिंदा लोगों की जानकारी बैनर में देना यह दिखाता है कि प्रशासन ने सत्ता का गलत इस्तेमाल किया है। हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया था कि सीएए हिंसा के आरोपियों के बैनर-पोस्टर 16 मार्च से पहले हटाए जाएं।

योगी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस दौरान कोर्ट ने योगी सरकार से पूछा कि किस कानून के तहत आरोपियों के होर्डिंग्स लगाए गए। अब तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जो इसकी इजाजत देता हो। सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक तो नहीं लगाई, लेकिन मामला बड़ी बेंच को रेफर कर दिया था। सूत्रों की मानें तो सरकार पोस्टर हटाने के पक्ष में नहीं है।

गौरतलब है कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ गत 19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए 50 से ज्यादा लोगों के नाम, तस्वीर और पते समेत पोस्टर लखनऊ के हजरतगंज समेत चार थाना इलाकों में लगाए गए हैं। 
 


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Tamanna Bhardwaj

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