कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर अलर्ट मोड पर UP सरकार, KGMU और BHU में होगी जांच

punjabkesari.in Friday, Jun 25, 2021 - 06:41 PM (IST)

लखनऊ:  कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के नये खतरे को देखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार ने राजधानी लखनऊ और वाराणसी में जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिये हैं। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट‘डेल्टा प्लस'से संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने से सीएम ने अधिकारियों को अलटर् मोड पर काम करने के निर्देश दिए हैं जिसके तहत अब प्रदेश में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की गहन पड़ताल के लिए अधिकाधिक सैम्पल की जीनोम सिक्वेंसिंग की जाएगी। प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा के लिए केजीएमयू और बीएचयू में सभी जरूरी व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के निर्देश सीएम ने आला अधिकारियों को दिए हैं।       

इस बाबत अधिकृत सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि 2021 की शुरुवात में ही सरकार ने कोरोना संक्रमण के नए स्ट्रेन को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में जीन सीक्वेंसिंग की जांच को शुरू करने का फैसला लिया था। वायरस के नए स्ट्रेन की पहचान समय से करने के लिए जीन सीक्वेंसिंग की जांच केजीएमयू में जनवरी में ही शुरू कर दी गई थी। उन्होने बताया कि प्रदेश में आने वाले सभी यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट के सैंपल से जीन सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। रेलवे, बस , वायु मार्ग से प्रदेश में आ रहे लोगों के सैम्पल लेकर जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट किया जाएगा।

इसके साथ ही प्रदेश के जिलों से भी कोरोना वायरस के नए वैरिएंट‘डेल्टा प्लस'के सैंपल लिए जाएंगे। रिपोटर् के परिणाम स्वरूप डेल्टा प्लस प्रभावी क्षेत्रों की मैपिंग कराई जाने के आदेश सीएम ने दिए हैं। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय केजीएमयू के साथ ही बनारस के बीएचयू में जीन सीक्वेंसिंग की जांच शुरू की गई है। यूपी में अभी तक जीन सीक्वेंसिंग जांच के लिए सैंपल को पुणे भेजा जाता था पर अब प्रदेश में जांच शुरू होने से प्रदेश के बाहर स्थ्ति दूसरे संस्थानों में सैंपल नहीं भेजने पड़ेंगे। यूपी की पहली कोरोना टेस्ट लैब भी केजीएमयू में शुरू हुई थी।       

Content Writer

Moulshree Tripathi