माघ मेला क्षेत्र में प्लास्टिक प्रयोग पर प्रतिबंध की UP सरकार पेश करे अधिसूचनाः HC

punjabkesari.in Sunday, Jan 24, 2021 - 12:41 PM (IST)

प्रयागराज:  इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को प्रयागराज में माघ मेला क्षेत्र में तीन अलग स्थानों से गंगा, यमुना का जल लेकर उसकी जांच कराकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने पूछा है कि गंगा का पानी पीने लायक है या नहीं। यदि नहीं तो इसके लिए जरूरी कदम उठाये जाय।

इसके साथ ही कोर्ट ने गंगा यमुना में लगातार पानी का बहाव बरकरार रखने का निर्देश दिया। न्यायालय ने राज्य सरकार से मेला क्षेत्र के दो किमी क्षेत्र में प्लास्टिक प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की जारी अधिसूचना पेश करने को कहा है और जिलाधिकारी प्रयागराज से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही जल प्रवाह बनाये रखते हुए डाटा पेश करने को कहा है ।

न्यायालय ने नगर आयुक्त से गंगा,यमुना में सीधे गिरने वाले नालों की व्यक्तिगत हलफनामे के जरिए रिपोर्ट मांगी है और मेले में पॉलीथिन प्रयोग पर भी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी। न्यायमूर्ति एम के गुप्ता, न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की पूर्णपीठ ने गंगा प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।

न्यायालय में कहा गया कि गंगा, यमुना में गंदे नाले बिना शोधित गिर रहे हैं। जिससे पानी पीने व नहाने लायक नहीं है। गंगा के पानी में कालापन है। कल्पवासी एवं साधु संत गंगा स्नान करते है व जल पीते हैं। उन्हें आर ओ का पानी पीना पड रहा है। यह भी कहा गया कि एस टी पी ठीक से काम नहीं कर रही है । बिना शोधित पानी गंगा यमुना मे जा रहा है। साथ ही मेले में पालीथीन से फैल रहे प्रदूषण की तरफ कोटर् का ध्यान खींचा गया। बताया गया कि 2010 मे कोर्ट ने गंगा किनारे स्थित सभी शहरों में दो किमी तक पालीथीन उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। जिसका अधिकारी पालन नहीं कर रहे है।

 

Moulshree Tripathi