UP: लॉकडाउन की मार झेल रहे ग्राम रोजगार सेवक, जल्द मिलेगा 3 साल का बकाया मानदेय

punjabkesari.in Tuesday, Apr 28, 2020 - 04:44 PM (IST)

लखनऊ: कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देशव्यापी लॉकडाउन जारी है। ऐसें में यूपी सरकार ने लॉकडाउन में आर्थिक तंगी झेल रहे ग्राम रोजगार सेवकों का तीन साल से बकाया मानदेय सीधे उनके खाते में देने जा रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश के 37000 ग्राम रोजगार सेवकों का तीन साल से बकाया मानदेय देने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ग्राम्य विकास विभाग ने ग्राम रोजगार सेवकों को उनका मानदेय देने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।

मानदेय के लिए जरूरी बजट 235 करोड़ रुपये की व्यवस्था
बता दें कि ग्राम रोजगार सेवकों का वर्ष 2017 से मानदेय बकाया चला आ रहा है। कुछ जिलों में बीच में मानदेय जरूर दिया गया है, लेकिन हर माह इनको मानदेय नहीं मिल पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सीएम के समक्ष यह मामला रखा गया था। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से लॉकडाउन में आर्थिक तंगी झेल रहे ग्राम रोजगार सेवकों को बकाया मानदेय देने का निर्देश दिया। जिसके बाद ग्राम्य विकास विभाग ने मानदेय के लिए जरूरी बजट 235 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर ली है। केंद्र सरकार से बकाया मानदेय सीधे खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए साफ्टवेयर तैयार कराने का अनुरोध किया गया है। माह के अंत तक यह साफ्टवेयर तैयार होने की संभावना है और मई माह के पहले हफ्ते में यह पैसा ट्रांसफर होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी बटन दबा कर ऑनलाइन पैसा सीधे खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं।

ग्राम रोजगार सेवकों का मुख्य काम
ग्राम रोजगार सेवकों का मुख्य काम मनरेगा के मजदूरों को काम देने से लेकर भुगतान कराने की प्रक्रिया इनकी देखरेख करना है। जॉब कार्ड बनाना और उसे बांटना उनके कामों का निगरानी करना, मास्टर रोल भरने के साथ भुगतान कराना है। इसके अलावा ग्राम पंचायत के सचिव के निर्देशों पर अन्य काम भी करते हैं। ग्राम रोजगार सेवक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अरुण कुमार मिश्र कहते हैं कि पूरे प्रदेश में औसतन 20 से 22 माह का मनदेय बकाया है।

क्यों की गई थी इनकी नियुक्ति?
मनरेगा योजना में होने वाले कामों की देखरेख के लिए ग्राम रोजगार सेवकों की नियुक्तियां की गईं। प्रशासनिक सहायक के रूप में यह काम करते हैं। शुरुआती दौर में 2000 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाता था। मौजूदा समय बढ़ते-बढ़ते अब 6000 रुपये प्रति माह मानदेय हो गया है। ग्राम रोजगार सेवक का चयन तीन चरणों में हुआ। सबसे पहले वर्ष 2006 में प्रदेश के 16 जिलों के लिए हुआ। वर्ष 2007 में भी इतने जिलों के लिए। वर्ष 2008 में शेष सभी जिलों के लिए हुआ। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक रोजगार सेवक रखे गए हैं।

 

 

Edited By

Umakant yadav