UP लॉकडाउनः गरीबों पर मंड़राया रोजी-रोटी का संकट

punjabkesari.in Wednesday, Mar 25, 2020 - 06:45 PM (IST)

बस्ती: देश में कोराना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का एलान कर दिया। पीएम की इस अपील पर लोगों ने कोराना वायरस को हराने के लिए अपने आप को घरों में बंद कर लिया है, सड़के सूनी पड़ी है। आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को छोड़ कर सभी दुकाने बंद हैं। जिस तरह से लॉकडाउन को लोगों का समर्थन मिल रहा है उससे लग रहा है की कोरोना तो हारेगा, लेकिन इसका असर जिन गरीबों पर पड़ रहा है उन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यक्ता है।

बता दें कि दिहाड़ी मजदूरों पर लॉकडाउन का असर सबसे अधिक पड़ रहा है। रोज कमा कर खाने वालों के सामने दो जून की रोटी का संकट उत्पन्न हो रहा है।

एक दिहाड़ी मजदूर का कहना है कि उसके पास न तो जमीन है न ही कोई और काम रोज घर से मजदूरी का काम करने के लिए निकलते हैं उसी से परिवार का भरण-पोषण होता है। लेकिन अब बंदी की वजह से काम नहीं मिल रहा है। अगर इसी तरह से ज्यादा दिन तक बंदी चलेगी तो उन के सामने रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। परिवार को खिलाने के लिए लोगों से उधार लेना पड़ेगा।

वहीं एक रिक्शा चालक का कहना है कि बंदी की वजह से लोग सड़क पर नहीं निकल रहे हैं। इसकी वजह से उन के रिक्शों का पहिया थम गया है। उनके पास आजीविका चलाने का कोई अन्य साधन नहीं है न ही खेती बाड़ी है।

इसी क्रम में साइकिल बनाने वाले मिस्त्री का कहना है कि हम लोग रोज कमा कर खाते हैं बंदी की वजह से अब उन के परिवार के भरण-पोषण का संकट है। अगर बंदी ज्यादा दिनों तक चली तो भुखमरी के शिकार हो जाएंगे।

दुकानों पर ब्लैक मार्केटिंग का शुरू हुआ खेल
स्थानीय निवासी ने बताया कि एक तरह जहां इतनी कठिनाइयों के बाद भी लोग कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के कंधों से कंधा मिला कर चल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सब्जी और किराने की दुकानों पर ब्लैक मार्केटिंग का खेल शुरू हो गया है। लॉकडाउन के एलान के बाद सब्जियों और अन्य खाने-पीने के सामनों के दाम आसमान छूने लगे हैं। लोगों ने बड़े पैमाने पर सब्जियों और खाद्य पदार्थों को डम्प करना शुरू कर दिया। इसका असर आने वाले दिनों में गरीब लोगों पर पड़ेगा। मार्केट में सामान की आपूर्ति प्रभावित होगी, सामान मंहगे होंगे, जिसका खामियाजा गरीबों को उठाना पड़ेगा।

 

 

Ajay kumar