नगर निकाय का ट्वेंटी ट्वेंटी खेल रही बीजेपी मार रही अपनो पर बाउंसर

punjabkesari.in Sunday, Nov 05, 2017 - 04:43 PM (IST)

यूपी (लखनऊ): गुजरात के विधान सभा चुनाव को 2019 में होने वाले फाइनल लोकसभा से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसके पहले यूपी में बीजेपी नगर निकाय का ट्वेंटी ट्वेंटी खेल रही है। हालांकि बीजेपी ने अभी से ही इन दोनों मैंचों में खुद को विजयी की तरह पेश करना शुरू भी कर दिया गया है। इस ट्वेंटी ट्वेंटी में कई बार बीजेपी के धुरंधर गेंदबाज डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा द्वारा अपने ही लोगों पर टिकट काटकर बाउंसर मारा जा रहा है। हद तो यह हो गई है कि इस बाउंसर की मार से आहत केवल कार्यकर्ता ही नहीें बल्कि बीजेपी की दो प्रमुख सहयोगी पार्टियां भी है। जिसमें से अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाली अपना दल हैं जबकि दूसरी पार्टी गांव, गरीब और किसान के सिद्धांत को मानने वाली ओमप्रकाश राजभर की भारतीय समाज पार्टी।

अपना दल
अनुप्रिया पटेल की अपना दल (एस) ने उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव नहीं लडऩे का फैसला लिया है। पार्टी के आला कमान ने तय किया है कि वह निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी। चुनाव में बीजेपी व अपना दल के बीच गठबंधन नहीं होना ही सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। अपना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं से विमर्श के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह फैसला किया है कि अपना दल (एस) निकाय चुनाव में सिम्बल से किसी प्रत्याशी को चुनाव नहीं लड़ायेगी। दरअसल यह स्थिति इसलिए भी पैदा हुई क्योंकि अपना दल और बीजेपी के बीच केंद्र व राज्य दोनों जगहों पर गठबंधन है। अब अपना दल चाहती थी कि बीजेपी उसके साथ निकाय चुनाव में भी गठबंधन धर्म का पालन करते हुए कुछ सीट उसे दे, जहां से अपना दल के उम्मीदवार खड़े हो सकें। लेकिन अपना दल की यह सोच बीजेपी ने पहले ही भांप लिया और सीटों के बंटबारे पर सहमति नहीं हो सकी। इसके बाद अपना दल (एस) ने निकाय चुनावों में नहीं उतरने का निर्णय लिया है।

भासपा
अपना दल की तरह ओमप्रकाश राजभर ने भी अपनी भारतीय समाज पार्टी को लेकर विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। भाजपा के साथ अपना दल व भासपा का गणित ठीक बैठने से यूपी विधानसभा की 403 में से बीजेपी को 312, अपना दल (एस) को 9 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 4 सीटों पर जीत मिली। इस तरह भाजपा गठबंधन को 325 सीट मिली थी। अब इस गठबंधन के नियम को खुद बीजेपी के अमितशाह नजरअंदाज कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो निकाय चुनावों में अनदेखी से नाराज ओमप्रकाश राजभर ने हाल ही में कहा, मैं दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के लिए गया था, लेकिन उनसे समय न मिलने के कारण मुलाकात नहीं हो सकी। अब कोशिश करूंगा कि गुजरात जाकर उनसे मुलाकात कर  सकूं। अगर बीजेपी से बात नहीं बनती है तो निकाय चुनाव में भासपा अपने कैंडिडेट उतारेगी।