जेल प्रशासन ने बदली अंग्रेजी व्यवस्था, अब मशीनाें से बना खाना खाएंगे कैदी

punjabkesari.in Thursday, May 17, 2018 - 04:07 PM (IST)

लखनऊः उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों को अब जेल की रसोई में खाना पकाने से निजात मिलने वाली है। खाना पकाने के काम में लगे कैदियों की बिगड़ती सेहत को देखते हुए जेल प्रशासन अब अंग्रेजों के जमाने की इस व्यवस्था को बदल रहा है और जेलों में आधुनिक मशीनों से खाना पकाने की व्यवस्था की गई है। फिलहाल 25 जेलों में यह सुविधा प्रदान की गई है और जल्दी ही राज्य की सभी 72 जेलों की रसोई आधुनिक होने वाली है।

आधिकारियों के अनुसार राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश की 25 जेलों में अत्याधुनिक माडयूलर किचन की शुरूआत की गई है । राज्य की शेष जेलों में भी इस वर्ष के अंत तक यह सुविधा शुरू हो जाएगी। पहले चरण में इस काम में जेल विभाग ने चार करोड. 71 लाख रूपये खर्च किए हैं।

महानिरीक्षक (आईजी) जेल प्रमोद कुमार मिश्रा ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने से जेल में खाना बनाने का काम कैदी ही करते आ रहे हैं। कैदियों को सजा काटने के दौरान तरह तरह के कामों में लगाया जाता है और खाना पकाना भी उनमें से एक है, लेकिन हाल में देखा गया कि गर्मी में कई कई घंटे रसोई में खाना बनाने वाले कैदियों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता था और वह बीमार हो जाते थे।

उन्होंने बताया कि इस नयी व्यवस्था में रोटी बनाने से लेकर सब्जी काटने तक का काम मशीन से किया जाएगा। पाकशाला में इलेक्ट्रॉनिक चिमनी लगाई जाएगी जो अंदर का धुआं बाहर निकाल देगी। जेल प्रशासन की ओर से करवाए गए अध्ययन में पाया गया कि करीब 2 हजार कैदियों और बंदियों का खाना पकाने की जिम्मेदारी, जिन आठ से दस कैदियों को सौंपी गई वह बाकी कैदियों की अपेक्षा कमजोर हो जाते हैं और उनके बीमारी की चपेट में आने की आशंका बढ़ जाती। शासन को इसकी रिपोर्ट भेजने के साथ जेल प्रशासन ने मॉड्यूलर किचन का प्रस्ताव भी भेजा। शासन से अनुमति मिलने के बाद जेलों में आधुनिक उपकरणों की मदद से खाना बनाने की व्यवस्था शुरू की जा रही है।   
 

Tamanna Bhardwaj